
Bundi Ground Report: बूंदी जिले में बाढ़ बारिश किसानों की फसलों पर भी आफत बन गई. यहां भिंडी, टमाटर, मक्का, सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. क्षमता से अधिक बरसात होने के चलते खेतों में 4 से 5 फीट पानी घुस जाने के चलते फसल पूरी तरह से खराब हो गई है. किसानों ने समय रहते प्रशासन को बाढ़ बारिश की सूचना दी थी, लेकिन प्रशासन ने इस कोई ध्यान नहीं दिया. पिछले एक सप्ताह से किसानों की फसलों में बाढ़ बारिश का पानी घुसा हुआ है. किसानों के मकान, मवेशी सहित आम रास्ता तक पानी में डूबा हुआ है. इन किसानों का दर्द जानने के लिए एनडीटीवी राजस्थान की टीम ने ग्राउंड रिपोर्ट की. साथ ही इस तबाही की तस्वीर को ड्रोन कैमरे में भी कैद किया.
जानकारी के अनुसार, जिले में करीब 2000 बीघा फसल बारिश के चलते जलमग्न है. किसानों के सामने आमदनी का संकट खड़ा हो गया है. प्रशासन पिछले तीन दिनों से पानी खाली करने का आश्वासन दे रहा है, लेकिन अभी तक खाली नहीं हुआ है. नेशनल हाईवे द्वारा बनाए गए जल निकास के नालों को अतिक्रमण के चलते बंद कर दिया गया है, जिसके चलते ऐसी स्थिति पैदा हुई है.
हर बार पैदा होती है समस्या
किसान मनीष कुमावत ने बताया कि बारिश के महीने में बड़ानयागांव सहित आसपास के नालों से आने वाला पानी चमन चौराहे के पास पुराने एनएच-12 के पास से लेकर गांव तक भर गया है. यह पानी अशोकनगर के पास स्थित खेतों में भर गया है. यहां पर हर बार प्रशासन और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद काफी मशक्कत से पानी की निकासी करवाई जाती है.
सवाल टाल गए NHAI के अधिकारी
सबसे ज्यादा हालात जिले के बड़ा नया गांव में है. यहां पर अभी भी फसलें पानी में डूबी हुई हैं. इस क्षेत्र से कई राज्यों में सब्जी की फसल की सप्लाई होती है. जिसमें मुख्यतः टमाटर, भिंडी, मटर है. जब NHAI के अधिकारी गोविंद कुमार से बात की तो उन्होंने चुप्पी साध ली. साथ ही इससे जुड़े सवाल भी टाल दिए.
जिले के इन गांव में भी खेत हुए जलमग्न
नैनवा, हिंडोली, लाखेरी, कापरेन के कई कस्बा के खेतों में पानी भरा हुआ है. इसी प्रकार नमांना, पापड़ी, जाड़ला, बंसवाडा, काकरामेज, करीरिया, पाली, पीपल्दा थाग, सामरा, नयागांव, पीपल्या, डोकून, जैतपुर, मोडसा, कोलाहेडा, भजनेरी, गुढासदावर्तिया गुढादेवजी पंचायतों सहित क्षेत्र के गांवों में नुकसान की संभावना है.
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