Dausa By-election: दौसा उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने के बाद जगमोहन मीणा ने कहा कि मैं जाति के लिए नहीं, विकास के लिए राजनीति करूंगा. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के छोटे भाई जगमोहन (Jagmohan Meena) ने आरएएस से वीआरएस लेकर बीजेपी ज्वॉइन की थी. काफी लंबे इंताजर के बाद पार्टी ने उन्हें मौका दिया, जिसके लिए उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद भी दिया. उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा के मंत्री पद के इस्तीफे के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि यह उनका व्यक्तिगत फैसला था. उन्होंने जनता से आहत होकर यह निर्णय लिया था. अब उन्हें (Kirori Lal Meena) सोचना है कि आगे क्या करना है.
'एसटी उम्मीदवार होने के बावजूद सामान्य सीट से पार्टी ने चुना'
जगमोहन मीणा ने कहा कि मेरे टिकट में जनरल और रिजर्व कैटेगरी वाली कोई बात नहीं है. क्योंकि मैं लंबे समय से ही पार्टी के लिए काम करता आ रहा हूं. मैंने भैरो सिंह शेखावत और ललित किशोर चतुर्वेदी जैसे नेताओं के साथ काम किया है, इसी वजह से मुझे टिकट दिया गया है. लेकिन सच यह भी है कि काफी लंबे इंतजार के बाद पार्टी ने मुझ पर भरोसा जताया है, जिसके लिए पार्टी का आभारी हूं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से दौसा से भाजपा की जीत होगी. पिछली बार कांग्रेस वालों ने आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर जीत हासिल की. अब पार्टी ने काफी समय तक सर्वे करने के बाद सामान्य सीट से मुझे चुना है. जिसके चलते मैं एसटी का उम्मीदवार होकर भी इस सीट से चुनाव लड़ रहा हूं.
साल 2014 से टिकट की कतार में था- जगमोहन मीणा
बीजेपी के लिए जगमोहन मीणा ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है और विश्व के सबसे बड़े नेता हमारी पार्टी के लीडर हैं. इसी के चलते पार्टी में टिकट मांगने वालों की लाइन हर जगह रहती है. मैं 2014 से बीजेपी की टिकट में लाइन में था. पिछले दिनों प्रधानाध्यापकों की तबादलों सूची जारी होने और फिर निरस्त करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार के लंबे-चौड़े काम है, ऐसे में गलती भी हो सकती है. गलती करना मानव स्वभाव है और उसे सुधारना मानव की बड़ी बात है.
'कांग्रेसियों का तो काम ही विरोध करना'
छोटे भाई को टिकट मिलने के बाद किरोड़ीलाल मीणा पर कांग्रेस की ओर से तंज कसे जाने पर जगमोहन मीणा ने जवाब दिया कि किरोड़ी लाल मीणा किसी के दबाव और किसी के लालच में काम नहीं करते हैं. उन्होंने मेरे टिकट की पैरवी भी नहीं की. कांग्रेसियों का तो काम ही विरोध करना है.