
Chaurasi By-electtion: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के ऐलान के बाद डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट पर भी सियासत गरमा गई है. भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. पिछले दो विधानसभा चुनाव में राजकुमार रोत बीटीपी और फिर बीएपी से चुनाव जीते हैं. हालांकि इस बार सीधे तौर पर रोत मुकाबले में नहीं होंगे. जबकि तीसरी बार बीजेपी और कांग्रेस को मात देने के लिए उनकी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में होगा. दूसरी ओर, बीजेपी और कांग्रेस के नेता उपचुनाव में अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
वागड़-मेवाड़ अंचल में आदिवासियों के मुद्दो पर राजनीति करने वाली बीएपी ने विधानसभा चुनाव-2023 में डूंगरपुर जिले की आसपुर और चौरासी के अलावा प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट पर जीत दर्ज की थी. चौरासी (Chaurasi) में बीएपी के राजकुमार रोत ने करीब 70 हजार वोट के अंतर से बंपर जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी को यहां महज 50 हजार वोट ही मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी की तो जमानत जब्त ही हो गई थी.
दिग्गज नेता को मात देकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे रोत
लोकसभा चुनाव-2023 में बीएपी पार्टी ने बांसवाड़ा- डूंगरपुर लोकसभा सीट से चौरासी विधायक राजकुमार रोत को चुनावी मैदान में उतारा था. दूसरी ओर, क्षेत्र के दिग्गज आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में राजकुमार रोत ने मालवीया को बुरी तरह से शिकस्त दी और पहली बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे. अब इस सीट पर उपचुनाव होना है. पिछले साल का विधानसभा चुनाव हो या इस साल का लोकसभा चुनाव, आदिवासी इलाके में भारत आदिवासी पार्टी का जनाधार तेजी से बढ़ा है. खासकर आदिवासी वर्ग का युवा बड़े पैमाने पर बीएपी पार्टी से जुड़ा है. इसी के चलते बीएपी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है.
उपचुनाव में प्रत्याशी के चयन के लिए पार्टी जुटी हुई है. पार्टी अपनी सलेक्शन प्रणाली के जरिए प्रत्याशी का चयन करने में जुटी है, जिसके लिए पार्टी ने 3 दावेदारों का पैनल भी बनाया है. जिसमें झोथरी ब्लॉक से पोपट खोखरिया, चिखली से अनिल और सीमलवाड़ा ब्लॉक से दिनेश का नाम शामिल है. पार्टी के इन्हीं तीन सदस्यों में से किसी एक को प्रत्याशी चुना जाएगा.
चुनाव जीतने के लिए बीजेपी भी लगा रही जोर
इधर, सत्ताधारी पार्टी बीजेपी भी चौरासी में अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने का प्रयास कर रही है. वर्तमान में बीजेपी ने प्रदेशभर में सदस्यता अभियान चला रखा है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि चौरासी में वह महज 6 हजार सदस्य ही जोड़ पाई है. ऐसे में उपचुनाव से पहले बीजेपी की राह आसान नहीं दिख रही है. पिछले दिनों भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और सीएम भजनलाल शर्मा भी विधानसभा बैठक लेकर मंथन कर चुके हैं.
इधर, जमानत जब्त करवा चुकी कांग्रेस के अपने दावे
कांग्रेस पार्टी चौरासी विधानसभा में काफी कमजोर है. विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी को करीब 28 हजार वोट मिले थे और जमानत जब्त हो गई थी. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने बीएपी को समर्थन दे दिया था. जानकारों के मुताबिक इस वजह से कांग्रेस का वोट बैंक काफी कमजोर हुआ है.
पिछले दिनों चोरासी में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने बीएपी से गठबंधन करने या नहीं करने पर अपना रूख स्पष्ट नही किया था और कहा था कि उपचुनाव में गठबंधन पर फैसला पार्टी आलाकमान करेगा, जिसे सभी को मानना होगा. हालांकि कांग्रेस के स्थानीय नेता गठबंधन के पक्ष में नहीं है और इन दिनों चौरासी में कार्यकर्ताओ की बैठके लेकर पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए हैं.
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