
Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र में हुए अवैध बजरी खनन मामले में पहले डीएसपी ग्रामीण लाभुराम विश्नोई को निलंबित किया गया और अब सीओ सिटी उदयसिंह मीना भी विवादों में आ गए हैं. न्यायालय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर के आदेश के बाद सूरवाल थाना पुलिस ने सीओ सिटी उदयसिंह मीना सहित तीन लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है. प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुंवार कस्वा को सौंपी गई है. गौरतलब है कि कुछ समय पूर्व इसी मामले में चौथ का बरवाड़ा थानाधिकारी सुमन कुमार को भी सस्पेंड किया गया था.
पीड़ित व्यक्ति की पत्नी ने लगाए आरोप
अब एक नए प्रकरण में पुलिस उपाधीक्षक सवाई माधोपुर शहर उदयसिंह मीना पर भी गंभीर आरोप लगे हैं. इनके खिलाफ सूरवाल थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2), 126(2), 119(1), 120(1), 127(7), 308(5), 308(7), 258, 173 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह मामला शोभारानी निवासी सूरवाल द्वारा एसीजेएम न्यायालय में दायर एक इस्तगासे के आधार पर दर्ज किया गया है. आरोप के अनुसार, 20 मार्च 2025 को सीओ सिटी ने पीड़िता के पति मानसिंह मीना को व्हाट्सएप कॉल के जरिए अपने कार्यालय बुलाया. घर पर कोई नहीं होने के कारण वह अपनी चार साल की बेटी को साथ लेकर सीओ कार्यालय पहुंचीं.
कांस्टेबल के खिलाफ रिश्वत की झूठी गवाही देने का दबाव बनाया
पीड़िता का आरोप है कि कार्यालय में सीओ ने उसके पति को धमकाया कि मानटाउन थाने के कांस्टेबल नरेश मीना, विजय गुर्जर और बुद्धिप्रकाश के खिलाफ पांच लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाना होगा. जब पीड़िता के पति ने झूठी गवाही देने से इनकार किया तो सीओ सिटी ने मारपीट शुरू कर दी और दो घंटे तक प्रताड़ित किया.
इसके बाद पुलिस को बुलाकर दोपहर दो बजे उन्हें कोतवाली थाने भेज दिया गया और चार साल की बच्ची को थाने से बाहर छोड़ दिया गया. शाम पांच बजे तक कोतवाली थाने में बिठाकर रखा गया. इसके बाद थाने से बाहर बुलाकर सीओ सिटी ने पीड़िता के पति से तीन लाख रुपए की मांग की और न देने पर कई झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में और क्या बताया ?
पीड़िता ने आगे बताया कि सीओ सिटी ने जबरन मारपीट कर पति से कांस्टेबलों के खिलाफ 5 लाख 43 हजार रुपए रिश्वत मांगने का वीडियो भी बनवाया और अपने पास रख लिया, जबकि वास्तव में उसका पति किसी को भी पैसा नहीं दे रहा था. शाम छह बजे उसे छोड़ा गया और तीन लाख रुपए लाने को कहा गया. इससे पूर्व 22 दिसम्बर 2024 को भी सीओ सिटी ने सूरवाल थाने का पूरा जाप्ता लेकर उनके घर दबिश दी थी और पति को जबरन कस्टडी में रखा गया था. उस दौरान भी सात लाख रुपए की अवैध वसूली की गई थी. बाद में शांति भंग में गिरफ्तार कर दो घंटे में ही न्यायालय से रिहा करवा दिया गया. पैसे नहीं देने पर मुंशी मीना से व्हाट्सएप कॉल करवाकर फिर दबाव बनाया गया. इसी मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर उनके पति ने ज़हर खा लिया और उन्हें बेहोशी की हालत में करमोदा डिस्पेंशरी से रणथंभौर सेविका रेफर किया गया.
शख्स ने की आत्महत्या की कोशिश
परिजनों ने माचिस छीनकर और कपड़ों पर पानी डालकर उन्हें बचाया. पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब भी पैसों की मांग की गई. इसके बाद पीड़िता का पति लापता हो गया. कोर्ट ने मामला गंभीर मानते हुए सीओ सिटी उदयसिंह मीना, मुंशी मीना और मनीष मीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए, जिस पर सूरवाल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. उल्लेखनीय है कि रिश्वत के आरोप में मानटाउन थाने के तीनों कांस्टेबलों को पहले गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया.
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