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SMS अस्पताल पहुंचे मुख्य सचिव वी श्रीनिवास, ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्थाओं को लिया जायजा

मुख्य सचिव ने कहा कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में मेरा कई साल का अनुभव रहा है. हम लोग अगले 10 से 15 दिन में एक रोड में बनाएंगे और इसे फार्मूलेट करके सुप्रीम कोर्ट में सबमिट करेंगे. 

SMS अस्पताल पहुंचे मुख्य सचिव वी श्रीनिवास, ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्थाओं को लिया जायजा

Rajasthan News: जयपुर में एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर की सुविधाओं में और ज्यादा सुधार जल्द देखने को मिल सकता है. मुख्य सचिव बनने के बाद वी श्रीनिवास ने ट्रॉमा हॉस्पिटल के पहले दौरे में रोड सेफ्टी काउंसिल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. मुख्य सचिव ने कहा कि हादसे में घायल होकर आने वाले लोगों को बेहतर इलाज मिलना चाहिए. मुख्य सचिव ने कहा कि आने वाले 10 से 15 दिन में एक और बेहतर रोड मैप बनाकर सुप्रीम कोर्ट को पेश किया जाएगा.

रोड सेफ्टी फंड के इस्तेमाल के निर्देश

मुख्य सचिव ने कहा कि लेवल–वन और लेवल–टू ट्रॉमा सेंटर को सुधारने के लिए निर्देश दिए हुए हैं. रोड सेफ्टी फंड का बेहतर उपयोग हो, सभी नर्स और फैकल्टी को एडवांस लाइफ सेविंग सिस्टम से ट्रेनिंग दिलाई जाए, बेसिक लाइफ स्किल में ट्रेनिंग दिलाई जाए, हर ट्रॉमा सेंटर पर बेसिक फैसिलिटी हों. इसमें न्यूरो सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, एनेस्थीसिया और नर्सिंग के साथ ही डॉक्टर के डेप्लॉयमेंट पर बातचीत हुई.

उन्होंने कहा कि सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट की नियुक्ति हो. सर्जिकल थिएटर्स में क्या अवेलेबिलिटी है? सीएस ने कहा कि राजस्थान में रोड सेफ्टी बढ़ाने में ट्रॉमा सेंटर्स की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि व्यापक रोड मैप तैयार करके सुप्रीम कोर्ट को सबमिट करने के निर्देश थे. सीएस ने कहा कि आज की मीटिंग में उनके सामने कुछ बातें रखी गई कि रोड सेफ्टी फंड को ट्रेनिंग प्रोग्राम में किस तरह इस्तेमाल किया गया है? सीएस ने नर्स का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी देखा.

10-15 दिन में बनाएंगे रोडमैप

उन्होनें कहा कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में मेरा कई साल का अनुभव रहा है. हम लोग अगले 10 से 15 दिन में एक रोड मैप बनाएंगे और इसे फार्मूलेट करके सुप्रीम कोर्ट में सबमिट करेंगे. चिकित्सा विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर के आसपास के स्पेस को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है, कैसे इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी आने वाले समय में काम होगा.

गायत्री राठौरराठौड़ ने कहा कि सड़क हादसों के साथ ही रोजमर्रा में होने वाले छोटे हादसों और दुर्घटनाओं के इलाज के लिए भी पेशेंट ट्रॉमा हॉस्पिटल ही पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि ओवरऑल सब तरह के ट्रॉमा केस यहां आ रहे हैं तो उस लोड को व हन करने के लिए सिस्टम, डॉक्टर, नर्स, इक्विपमेंट, आईसीयू बेड के हिसाब से उतना ही मजबूत होना चाहिए. गायत्री राठौड़ ने कहा कि ओवरऑल ट्रॉमा सेंटर को भी डेवलप करें इसके अलावा RUHS  जैसे बड़े अस्पताल हैं, वहां भी सभी तरह की व्यवस्थाएं, ट्रॉमा, आईपीडी आईसीयू को सुधारने पर फोकस कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि एसएमएस का यह लेवल–1 ट्रॉमा सेंटर है, इसको कैसे सुधारे, इस पर काम हो रहा है. अभी लेवल वन के दो सेंटर हैं. एक जयपुर का और एक जोधपुर का. उन्होंने कहा कि सीएस ने आईसीयू में पेशेंट बेड और नर्सिंग स्टाफ का अनुपात सुधारने के भी निर्देश दिए हैं. राठौड़ ने कहा कि विस्तार से इस पर चर्चा होगी, बजट की उपलब्धता करवा कर इसे लागू करने पर फोकस होगा.

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