Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुए भीषण सड़क हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक्शन मोड में आ गए हैं. इस तरह का सड़क हादसा दोबारा न हो, इसके लिए प्लानिंग शुरू हो गई है. आज जयपुर स्थित सीएम आवास में दोपहर 1 बजे NHAI समेत कई विभागों के बड़े अधिकारियों संग एक बैठक होने वाली है, जिसमें सड़क सुरक्षा को लेकर बातचीत होनी है. इस दौरान राजस्थान में सड़क हादसों को रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट को ठीक करने और हाईवे पर नियमों की पालना कराने के लिए मॉनिटरिंग को सख्त करने जैसे निर्देश भी दिए जा सकते हैं.
2350 करोड़ से ठीक होंगे ब्लैक स्पॉट
20 दिसंबर को सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए विशेष अभियान चलाकर ब्लैक स्पॉट्स को ठीक करने का आदेश जारी किया था. सीएम ने सख्ती के साथ कहा था कि इस अभियान के दौरान कार्यों की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए और कामों को निर्धारित अवधि में पूरा करवाया जाए. इसके लिए लगभग 2350 करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया गया था. सीएम ने निर्देश दिए थे कि सड़क निर्माण और मरम्मत के कार्यों में निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी.
NHAI ने ढूंढे 77 ब्लैक स्पॉट
राजस्थान में NHAI ने 40 ब्लैक स्पॉट ढूंढे हैं, जिन्हें 812.64 करोड़ रुपये की लागत से सुधारने का काम किया जा रहा है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इनमें से 13 का काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी का काम जारी है. इसके अलावा 37 अन्य ब्लैक स्पॉट भी ढूंढे गए हैं, जिन्हें 821.51 करोड़ की लागत से सुधारने के काम जल्द शुरू होने वाला है. इसके अतिरिक्त 4 सड़कों पर 20.34 करोड़ रुपये की लागत से सड़क सुरक्षा की दृष्टि से सुधार कार्य करवाए जा रहे हैं. यह काम जनवरी तक पूरा होने की संभावना है.
1 साल में 13 फीसदी बढ़े सड़क हादसेराजस्थान के मुख्य सचिव की यातायात प्रबंधन समिति के पूर्व सदस्य चेरियन ने बताया था कि वर्ष 2022 में राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं में 13 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि मौतों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. राजस्थान परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में दुर्घटनाओं की संख्या उसके पिछले वर्ष के 20,951 की तुलना में बढ़कर 23,614 हो गई. आंकड़ों के अनुसार 2023 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली 1,73,000 मौत में से लगभग 55 प्रतिशत राजस्थान सहित छह बड़े राज्यों में हुईं. राज्य सरकारों द्वारा केंद्र को भेजे गए आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में मौतों में सबसे तेज वृद्धि देखी गई, जो 2022 की तुलना में लगभग छह प्रतिशत की वृद्धि है.
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