
Rajasthan court work stopped: जयपुर में अधीनस्थ न्यायालयों में कार्मिकों के कैडर पुनर्गठन की मांग को लेकर न्यायिक कर्मचारियों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी है. न्यायालय परिसर से कलेक्ट्री सर्किल के चारों से रैली लेकर वापस धरनास्थल गए. वहीं, कर्मचारियों के आंदोलन ने अब उग्र रूप ले लिया है. जिला न्यायपालिका में कार्यरत करीब 21 हज़ार कर्मचारी कार्य बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं. सभी कर्मचारी हाईकोर्ट प्रशासन के रवैए से नाराज हैं. न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र नारायण जोशी भी चार दिन से भूख हड़ताल पर हैं. बता दें कि इस मामले में कई बार धरना-प्रदर्शन किए जा चुके हैं. लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
कार्य बहिष्कार की स्थिति में पूरे राजस्थान की अदालतों में कामकाज ठप हो गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि कर्मचारी, चपरासी बाबू और ड्राइवर सभी कर्मचारियों ने काम पर नहीं जाने का फ़ैसला ले लिया है, जिसका सीधा असर राजस्थान की न्यायपालिका पर होगा और राजस्थान की न्यायपालिका के अधीनस्थ अदालतों का काम प्रभावित होगा.
"संवैधानिक संस्था के आदेशों की अहेवहना हो रही"
हाईकोर्ट प्रशासन ने प्रस्ताव बनाकर 6 मई, 2023 को राज्य सरकार को भेजा था. राज्य सरकार से यह मामला लंबित चल रहा है. लेकिन फिर भी सुनवाई नहीं हुई है. कर्मचारी संघ ने इसे संवैधानिक संस्था के आदेशों की अवहेलना बताया. कर्मचारियों ने चेतावनी दी थी कि जब तक सरकार के स्तर पर इस मामले में निर्णय नहीं ले लेती, तब तक कर्मचारी अदालतों का बहिष्कार करेंगे.
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