
Rajasthan News: राजस्थान में महापंचायतों का दौर जारी है. समाज में फैल रही कुरीतियों को लेकर समाज अपनी-अपनी पंचायत कर रहे हैं. कुछ दिन इसको लेकर मीणा महापंचायत हुई थी. वहीं अब प्रदेश के धौलपुर जिले में रविवार को चितौरा गांव में जाटव समाज संकल्प महापंचायत का आयोजन हुआ. इस महापंचायत के दौरान जाटव समाज के लोगों ने कुरीतियों को छोड़ने के साथ समाज और शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ने का संकल्प लिया है.
दहेज और फिजूलखर्ची बंद
महापंचायत में नेताओं ने स्पष्ट कहा कि शादी-विवाह में दहेज की मांग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी. दहेज के कारण परिवारों में टूटन को रोकने के लिए भात की रस्म को सीमित करने का फैसला लिया गया. लगन टीका और फलदान जैसी रस्मों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई. बारात में केवल 50 लोग शामिल हो सकेंगे. डीजे, बैंडबाजे और आतिशबाजी पर भी प्रतिबंध रहेगा. विवाह बौद्ध रीति से संपन्न होगा. वधू को तीन और वर को दो वस्त्र भेंट किए जाएंगे. फिजूलखर्ची रोकने के लिए नकली आभूषणों का उपयोग अनिवार्य होगा. फेर पटा, जीमना, माढा झांकना और सोहगी जैसी रस्में भी बंद रहेंगी.
जन्मदिन और भोज पर भी रोक
जन्मदिन, गृह प्रवेश, भंडारा, श्रद्धा और सेवानिवृत्ति जैसे अवसरों पर भोज आयोजित करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया. शादी में नशे को पूरी तरह नकारा गया. समाज में आपसी झगड़े सुलझाने के लिए पंचायत की मदद ली जाएगी. तीये की बैठक, मृत्यु भोज और अन्य भंडारों पर भी रोक रहेगी. निमंत्रण अब व्हाट्सएप के जरिए ही स्वीकार होंगे.
नियम तोड़ने की सजा
महापंचायत के नियम तोड़ने वालों पर 11,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. यह राशि समाज के विकास में उपयोग होगी. महापंचायत में बसेड़ी विधायक संजय जाटव, पंचायत समिति प्रधान प्रतिनिधि सुआलाल जाटव और बाड़ी चेयरमैन प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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