धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व को अंतिम मंजूरी मिल गई है. इस टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट के तहत 50 गांव विस्थापित होंगे. विस्थापन की जद में आने वाले लोगों को जमीन के साथ-साथ कैश का ऑफर दिया जाएगा. दरअसल मंगलवार को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी National Tiger Conservation Authority (NTCA) ने धौलपुर-सरमथुरा-करौली टाइगर रिजर्व की मंजूरी दे दी. धौलपुर-सरमथुरा-करौली टाइगर रिजर्व राजस्थान का पांचवां और भरतपुर संभाग में दूसरा टाइगर रिजर्व होगा. उपवन संरक्षक अनिल कुमार यादव ने बताया धौलपुर टाइगर रिजर्व का नक्शा तैयार कर दिया गया है. जिसमें धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड के करीब 50 गांव विस्थापन के दायरे में आएंगे.
वन अधिकारी ने आगे बताया कि विस्थापन के दायरे में आने वाले गांवों को चिह्नित कर सूची बनाई जा रही है. ग्रामीणों से समझाइश कर उन्हें विस्थापन और मुआवजा राशि के बारे में बताकर सहमति पत्र लेना पहली प्राथमिकता है. उसके बाद टाइगर रिजर्व का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जल्द गांवों के विस्थापन के लिए सर्वे शुरू होगा.
ग्रामीणों को विस्थापन के लिए कैश और लैंड दो पैकेज दिए जाएंगे
विस्थापन के लिए एनटीसीए की नई गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा राशि को बढ़ाया गया है. विस्थापन के लिए स्वैच्छिक प्रक्रिया में गांव के लोग आगे आएंगे और विस्थापन में मुआवजा पैकेज उन्हें इस ओर लुभाएगा. विस्थापन के बाद ग्रामीणों के लिए दो पैकेज होंगे, इसमें कैश और लैंड पैकेज। दोनों में से कोई भी पैकेज लिया जा सकता है, लेकिन उसका आधार 15 लाख रुपए पर ही आधारित होगा.
परिवार में 18+ वाले सभी पुरुषों को 15 लाख के हिसाब से मुआवजा मिलेगा. विस्थापित होने वाले एक परिवार को सरकार 15 लाख रुपए देगी. इसमें 18 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति को एक परिवार माना गया है. यदि किसी परिवार में 4 लोग 18 साल से ऊपर हैं तो उन्हें 60 लाख मुआवजे के रूप में मिलेंगे.
टाइगर रिजर्व के लिए धौलपुर जिले के करीब 4 हजार परिवार होंगे विस्थापित
विस्थापन के दौरान करीब 4 हजार परिवार के विस्थापन का कार्य किया जाएगा. हालांकि ये एक सतत प्रक्रिया है। जिसमें सालों तक कार्य किया जाएगा. सबसे पहले जहां टाइगर का मूवमेंट है उस क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों को बंद किया जाएगा। उस जगह के लोगों को सबसे पहले विस्थापित किया जाएगा। जिसके लिए विभाग ने नक्शा तैयार कर लिया है.
1075 स्क्वायर किमी में फैला है धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व एरिया
उप वन संरक्षक अनिल कुमार यादव ने बताया कि धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व दो तरह के एरिया में फैला हुआ है. जिसका पहला कोर एरिया है जो 580 स्क्वायर किलोमीटर है. वहीं दूसरा एरिया 495 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ है. जो कुल 1075 स्क्वायर किलोमीटर में फैला टाइगर रिजर्व क्षेत्र है। धौलपुर टाइगर रिजर्व में इस समय दो टाइगर है। जिसमें एक फीमेल T117 और दूसरा मेल T116 सहित उनके 3 शावक मौजूद है। जिनका मूमेंट भी कुछ समय पहले देखा गया था।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे
धौलपुर टाइगर रिजर्व का विस्तार होने से क्षेत्र में रोजगार के साधन मिलेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही विस्थापित किए जा रहे लोगों में भी खुशी का माहौल है. इससे लोगों को रोजगार की उम्मीद दिखाई दे रही है।साथ ही उप वन संरक्षक अनिल कुमार यादव का कहना है रणथंभोर की तरह धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व की भी तस्वीर बदलेगी.
कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व को भी सैद्धांतिक मंजूरी
धौलपुर करौली के अलावा नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने कुंभलगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इसे एनटीसीए द्वारा 4 अगस्त को मंजूरी मिल गई थी और आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसे स्वीकृति दे दी है. संबंधित केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने आज ट्वीट करके कहा, "वन्यजीव संरक्षण की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम राजस्थान में बाघों और जैव विविधता के लिए एक उज्जवल भविष्य का वादा करता है। यह कदम इकोटूरिज्म के माध्यम से क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा।"
Glad to share that in-principle approval has been granted to declare Kumbhalgarh as a Tiger Reserve!
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) August 22, 2023
This significant step towards wildlife conservation promises a brighter future for tigers and biodiversity in Rajasthan.
The move will boost employment opportunities for the…
राजसमंद सांसद ने कहा- मेवाड़ के लिए ऐतिहासिक दिन
राजसमंद सांसद और एनटीसीए की सदस्य, दीया कुमारी ने कहा, "आज मेवाड़ के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी देने के लिए मैं माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव जी का बहुत आभार व्यक्त करती हूं।" उन्होंने आगे कहा कि, “अनेक बाधाओं के बावजूद, इस एक प्रोजेक्ट को जमीनी स्तर तक लाने के लिए मैंने अपना पूरा प्रयास किया. मुझे प्रसन्नता है कि केंद्र सरकार ने आज सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि कुंभलगढ़ जल्द ही टाइगर रिजर्व बन जाएगा. मेवाड़ में एक बार फिर से बाघ घूमें, यह ज्यादातर लोगों के लिए एक सपना था और अब हम उस सपने को साकार करने से बस एक कदम दूर हैं."
प्रस्तावित कुंभलगढ़ रिजर्व लगभग 2800 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा. तकनीकी समिति ने प्रस्ताव को मंजूरी देने की अनुशंसा करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को भूमि उपयोग के साथ-साथ कोर बफर और इको सेंसिटिव जोन के बारे में बताते हुए अपडेटेड प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा.