
Rajasthan Drinking Water Crisis: राजस्थान में पानी का संकट वर्षों पुरानी समस्या है. वहीं पेयजल संकट से लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है. इस साल भी गर्मी की शुरुआत होते ही पेयजल संकट शुरू हो गया है. पानी आपूर्ति करने वाली राजस्थान की जलदाय विभाग तैयारियां शुरू कर दी है. लेकिन लोगों के सामने यह कितनी खड़ी उतरेगी यह वक्त ही बताएगा. डूंगरपुर में पेयजल का संकट दिख रहा है. जलदाय विभाग ने डूंगरपुर शहर के साथ 133 गांवों की 348 ढाणियों में 15 मई से जल संकट की संभावना जताई है. इसके बाद इन इलाकों में पानी सप्लाई की योजना बनाई जा रही है.
जलदाय विभाग ने इन गावों में टैकर के जरिए पानी सप्लाई का प्लान तैयार किया है. जिस पर करीब 1 करोड़ 27 लाख रुपये से ज्यादा खर्च होने की संभावना जताई गई है. वहीं प्लान में कुएं और हैंडपंप के जरिए भी पानी देने की योजना है.
भू-जल स्तर कम होने के बाद टैंकरों की होगी जरूरत
डूंगरपुर शहर के अलावा दोवड़ा, डूंगरपुर, बिछीवाड़ा, सीमलवाड़ा, चिखली, झोंथरी, सागवाड़ा ओर गलियाकोट ब्लॉक के गांवों में पानी की संकट की संभावना जताई जा रही है. भू-जल स्तर कम होते ही यहां टैंकर की जरूरत पड़ सकती है. बताया जा रहा है कि 15 मई से टैंकरों की जरूरत पड़ने लगेगी. खुद जलदाय विभाग ने 133 गांवों में पानी के संकट की संभावना जताई है. जबकि 348 ढाणियों में पेयजल की बड़ी समस्या होगी.

किन ब्लॉक में कितनी ढाणियां
1. डूंगरपुर, 40
2. सीमलवाड़ा, 43
3. चिखली, 31
4. दोवड़ा, 82
5. बिछीवाड़ा, 40
6. झोंथरी, 37
8. सागवाड़ा, 45
9. गलियाकोट, 30
48 घंटे में एक बार होती है पानी सप्लाई
गर्मी शुरू होते ही कई गांवों में पानी सप्लाई शुरू हो चुकी है. जिलेभर में 48 घंटे में एक बार पानी की सप्लाई होती है. यानी एक दिन छोड़कर दूसरे दिन पानी सप्लाई की जा रही है. जबकि प्रतापनगर कॉलोनियों में 3 से 4 दिनों में सप्लाई की जा रही है. जिससे लोगों को पानी समस्या से जूझना पड़ता है. अब जब गर्मी और बढ़ेगी तो यह समस्या और बढ़ने वाली है.
डूंगरपुर में पेजयल के लिए डिमिया और एडवर्ड समंद बांध से पानी सप्लाई का बड़ा स्रोत है. जिसकी जल भराव क्षमता 29 फीट है लेकिन दोनों बांध वर्तमान में 6-7 फीट खाली हैं. ऐसे में विभाग का मानना है कि पानी समस्या हो सकती है.
पानी के लिए क्या है अन्य तैयारी
पानी सप्लाई के लिए कई काम किए गए हैं जिसमें पंप सेट बदलना, कुंए गहरे करवाने का काम, पाइप लाइन बदलने का काम किया गया है. वहीं सरकार ने हर विधानसभा में 10-10 हैंडपंप लगाने की घोषणा की है. ऐसे में चार विधानसभा में 40 हैंडपंप खोदे जाएंगे. जबकि हर विधानसभा में 5 ट्यूबवेल भी खोदे जाने वाले हैं.
अब देखना यह है कि इन तैयारियों से जल संकट से निपटा जा सकेगा या फिर लोग इस बार भी त्रामिहाम होंगे. यह गर्मी बढ़ते ही पता चलने लगेगा.
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