
Drug trafficking in Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान का बाड़मेर जिला मादक पदार्थों की तस्करी का नया गढ़ बनता जा रहा है. नशे के इस काले कारोबार में ड्रग माफिया अब नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं. लग्जरी गाड़ियों के साथ-साथ अब महिलाओं और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर युवतियों को तस्करी के लिए ढाल बनाया जा रहा है. ताकि पुलिस की नाकेबंदी और चेकिंग को आसानी से चकमा दिया जा सके. इस बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बाड़मेर पुलिस ने कालिका पेट्रोलिंग टीम को सशक्त करने के साथ ही हर ब्लॉक में तैनात किया है. पुलिस के मुताबिक, नशे की बढ़ती खपत के चलते तस्करों ने अब महिलाओं और युवतियों को अपने काले धंधे में शामिल कर लिया है. स्मैक, अफीम और एमडी जैसे महंगे नशे की सप्लाई के लिए ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को लालच दिया जा रहा है.
महिलाओं को लालच देकर तस्करी का जाल
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि रोडवेज बसों और अन्य साधनों के जरिए तस्करी करवाई जा रही है. जिले में अब तक चार महिला तस्करों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें धनाऊ थाने में रूपा देवी के खिलाफ अफीम का दूध, चौहटन थाने में अणसी देवी के खिलाफ स्मैक, रागेश्वरी थाने में इमरती और कमला बिश्नोई के खिलाफ डोडा पोस्त के मामले शामिल हैं.
डीजीपी भी जता चुके हैं चिंता
पुलिस की सख्ती बढ़ने के बाद तस्करों ने रणनीति बदली है. हाल ही में बाड़मेर की एक महिला तस्कर भंवरी को जालौर जिले के चितलवाना थाना क्षेत्र में एमडी के साथ पकड़ी गई. वहीं, कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने बाड़मेर के सेना के जवान गोधुराम और उसकी प्रेमिका देविका को 18 किलो अफीम के दूध के साथ गिरफ्तार किया था.
महिला तस्करों की बढ़ती सक्रियता के मुद्दे पर डीजीपी राजीव शर्मा ने 17 सितंबर को बाड़मेर दौरे के दौरान गहरी चिंता जताई थी. इसके बाद बाड़मेर पुलिस ने कालिका पेट्रोलिंग को और मजबूत करने का फैसला लिया है. पुलिस अधीक्षक मीणा ने बताया कि बाड़मेर में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या अन्य जिलों की तुलना में अच्छी है. अब इन्हें सार्वजनिक स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया जा रहा है.
पुलिस ने बदली रणनीति
बाड़मेर पुलिस अब नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए और सख्त कदम उठा रही है. कालिका पेट्रोलिंग के विस्तार के साथ-साथ पुलिस अन्य तकनीकी और खुफिया तरीकों से तस्करों पर नकेल कसने की तैयारी में है. पुलिस अधीक्षक मीणा ने बताया कि उनकी प्राथमिकता न केवल तस्करों को पकड़ना है, बल्कि उन महिलाओं और युवतियों को इस दलदल से बाहर निकालना भी है, जो लालच या मजबूरी में इस काले धंधे में फंस रही हैं.
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