Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अभी तक उदयपुर में किसी भी पार्टी की ओर से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है. लेकिन उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ के भाजपा में शामिल होने से उदयपुर का सियासी पारा हाई हो गया है. विश्वराज सिंह मेवाड़ की बीजेपी में हुई एंट्री ने उदयपुर के समीकरण बदल दिए है. विश्वराज सिंह के भाजपा में शामिल होते ही उनके वल्लभनगर, उदयपुर शहर और नाथद्वारा से विधानसभा चुनाव लडने की भी चर्चाएं जोरों पर हो रही हैं.
तीन दशक से राजनीति से दूर था मेवाड़ राज परिवार
गौरतलब है मेवाड़ राज परिवार से करीब तीन दशक बाद कोई सदस्य सक्रिय राजनीति में आया है. इससे पहले विश्वराज सिंह के पिता महेद्र सिंह मेवाड़ राजनीति में आए थे, उन्होंने भाजपा से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी और बाद में कांग्रेस में आ गए थे.
महेन्द्र सिंह मेवाड़ साल 1989 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर पहली बार चुनाव लड़कर सांसद बने, लेकिन भैरूसिंह शेखावत से खटास के चलते उन्होने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और चित्तौड़ से 1991 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े जिसमें वो 20 हजार वोटों से हार गये थे.
इसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ही 1996 में भीलवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़ा. लेकिन दुर्भाग्य से वहां पर भी भाजपा के सुभाष बाहेड़िया से हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद से उदयुपर के पूर्व राजघराने के किसी भी सदस्य की राजनीति में सक्रियता देखने को नहीं मिली.
विश्वराज सिंह
विश्वराज सिंह मेवाड़ का चुनाव लड़ना तय
इधर काफी समय में मेवाड़ राजघराने के दूसरे सदस्य लक्ष्यराज सिंह के भी राजनीति में आने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. जबकि विश्वराज मेवाड़ को लेकर ऐसी कोई चर्चा नहीं थी और वे राजनीति में आ गए हैं. राजनैतिक रूप से माना जा रहा है कि यदि विश्वराज सिंह मेवाड़ विधानसभा से चुनाव नहीं लड़े तो आने वाले समय में उन्हें राजसमंद या चित्तौड़गढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है. विश्वराज सिंह पार्टी की सदस्यता लेने के बाद मीडिया से रुबरु होकर पार्टी के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया.
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