Case against BJP candidate Jyoti Mirdha: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को 75 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. मतदान के बाद अब नतीजों का इंतजार है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. लेकिन इससे पहले मंगलवार को नागौर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार ज्योति मिर्धा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई. दरअसल ज्योति मिर्धा मंगलवार को एक कानूनी पचड़े में फंस गई. ज्योति मिर्धा के खिलाफ एक भूमि विवाद में धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस ने यह जानकारी मंगलवार को दी.
किसान नेता विजय पूनिया ने पहले मिर्धा और उनकी बहन पर मानहानि, झूठे आरोप लगाने, धोखाधड़ी और जाली भूमि दस्तावेज जमा करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पूनिया ने कहा, “चूंकि प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई, तो हमने जोधपुर की अदालत का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने 17 नवंबर को पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया.”
दो साल पहले मिर्धा और उनकी बहन ने पूनिया और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ जमीन हड़पने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. मामला अदालत में गया, जहां मिर्धा के आरोप निराधार पाए गए और प्राथमिकी रद्द कर दी गई. आदेश के खिलाफ मिर्धा द्वारा दायर दो याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था. अब मतदान से पहले यह मामला फिर से उठा है.
मालूम हो कि चुनाव से पहले ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. पार्टी बदलने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अब दिशा भटक चुकी है, वहां कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है. प्रदेश में महिला अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं.
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