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Rajasthan Flower Farming Benefits: प्रदेशभर में ऐसे कई किसान है जो परम्परागत खेती को छोड़कर तकनीकी खेती या अन्य फसलों के उत्पादन को अपनाया है. यहीं नहीं इससे कई गुना ज्यादा मुनाफा भी कमा रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण उदयपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर हवाला गांव में सामने आया है. यहां किसान पहले गेहूं और सब्जियों का उत्पादन कर रहे थे, लेकिन बार-बार खराब होने से मुनाफा नहीं मिलने पर उन्होंने फूलों की खेती को अपनाया. फूलों की खेती को अपनाने के बाद उनका मुनाफा सब्जियों और गेहूं सहित अन्य फसलों के उत्पादन से ज्यादा हो रहा है.
अनाज की जगह फूलों की खेती से मुनाफा
हवाला गांव के किसान मांगीलाल तेली ने बताया कि पहले गेहूं की खेती करते थे. पास में तालाब होने की वजह से बारिश में नहर से पानी खेतों में आ जाता था, जिससे फसल खराब हो रही थी. साथ ही मुनाफा भी नहीं हो रहा था. करीब 2 साल पहले फूलों की खेती की तरफ मुड़ाव हुआ. 3 रुपये प्रति पौधा लेकर आए और लगाया.
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3 महीने में पौधे ने फूल देना शुरू कर दिया, अभी गेंदे के फूलों की खेती कर रहे हैं. अब हर तीन 3 दिन में फूल आ रहे हैं. इससे हफ्ते में 1 क्विंटल फूलों का उत्पादन होता है जो 30 रुपये किलो में जा रहे है.
हर 4 महीने में उगाते हैं अलग-अलग फूल
किसान खूबीलाल लाल तेली हवाला गांव में ही फूलों को खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि काफी पहले गेहूं सहित अन्य सीजनल फसलों की खेती करते थे फिर करीब 10 साल तक गुलाब की खेती की और अब सीजनल फूलों को खेती करते हैं. हर चार महीने में अलग-अलग फूलों को लगाते हैं.
फूलों की खेती में नहीं होता नुकसान
महिला किसान चंद्रकला ने बताया कि फूलों को खेती में सबसे अच्छी और फायदेमंद बात यह है कि इसमें नुकसान नहीं होता है और ना ही केमिकल का छिड़काव करना पड़ता है. सब्जियों का उत्पादन पहले करते थे जिसमें कीड़े लगने की समस्या होती थी, इसमें कीड़े नहीं लगते और कम मेहनत में मुनाफा हो जाता है.
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