
Farmer Protest in Rajasthan: फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान (Farmers Proetst) आज 500 ट्रैक्टर के साथ दिल्ली कूच (Delhi Chalo) की तैयारी कर रहे हैं. किसानों ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, और कहा है कि उसमें हमारे लिए कुछ खास नहीं है. हम MSP लेकर रहेंगे. आज हरियाणा के किसान भी प्रदर्शन करने वाले हैं. वहीं राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) में भी किसान महापंचायत के बैनर तले बड़ी संख्या में किसानों के जुटने की खबरें आ रही हैं.
'स्वयं बैरिकेड हटा लें'
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बुधवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान शांतिपूर्ण तरीके से सुबह 11 बजे दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेंगे. हमारा इरादा शांति भंग करना नहीं है. हमारा अनुरोध है कि सरकार स्वयं बैरिकेड हटा ले, और हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दे. दिल्ली में हमारे बैठने की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे पहले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा था कि हरियाणा में हालात कश्मीर जैसे हैं. हम 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है ताकि हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं. अब जो भी हो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.'
केंद्र का प्रस्ताव खारिज
केंद्र द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीदने का प्रस्ताव लाए जाने के बाद किसानों ने सोमवार शाम को यह कहते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया कि इसमें उनके लिए कुछ नहीं है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि दोनों मंचों की चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अगर आप विश्लेषण करेंगे तो सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है. हमारी सरकार 1.75 करोड़ रुपये का पाम ऑयल बाहर से आयात करती है, जिससे आम जनता को बीमारी भी होती है. अगर यह पैसा देश के किसानों को तिलहन की फसल उगाने के लिए दिया जाए और एमएसपी की घोषणा की जाए तो उस पैसे का उपयोग यहां किया जा सकता है. यह प्रस्ताव किसानों के पक्ष में नहीं है. इसलिए हम इसे अस्वीकार करते हैं.'
13 फरवरी से प्रदर्शन
13 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च शुरू करने वाले हजारों किसानों को हरियाणा सीमा पर ही रोक दिया गया, जहां उनकी सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई. किसान तब से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए "दिल्ली चलो" मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.
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