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भजनलाल सरकार का सिंधी समाज को बड़ा तोहफा, लेह-लद्दाख सिन्धु दर्शन यात्रा के लिए मिलेंगे 15 हजार रुपये

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश के सिन्धी समाज की सबसे बड़ी और पवित्र मानी जाने वाली लेह-लद्दाख सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को 15 हजार रूपए प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

भजनलाल सरकार का सिंधी समाज को बड़ा तोहफा, लेह-लद्दाख सिन्धु दर्शन यात्रा के लिए मिलेंगे 15 हजार रुपये
प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी के आग्रह पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अजमेर जिले में सिन्धी समाज को बड़ा तोहफा दिया है. जिसमें राज्य सरकार ने सिन्धी समाज की सबसे बड़ी और पवित्र मानी जाने वाली लेह-लद्दाख सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को 15 हजार रूपए प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. सिन्धु दर्शन यात्रा में चार दिन तक लेह-लद्दाख में धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं. यह यात्रा 18 जून से शुरू होकर 30 जून को समाप्त होती है.

यात्री को मिलेंगे 15 हजार रूपए 

जानकारी के अनुसार, सिन्धी समाज के तीर्थयात्री हर साल 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में सिन्धु दर्शन यात्रा पर जाते हैं. यह यात्रा 18 जून से जम्मू और कुरूक्षेत्र से प्रारम्भ होती है और 30 जून को इसका अधिकारिक समापन होता है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को ज्ञापन देकर आग्रह किया था कि सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को भी अन्य तीर्थ यात्राओं की तरह आर्थिक सहायता दी जाए. इस पर निर्णय करते हुए राज्य सरकार ने तीर्थ यात्रियों के लिए 15 हजार रुपये प्रति यात्री की आर्थिक सहायता की घोषणा की है.

1997 में हुई दर्शन यात्रा की शुरूआत

गौरतलब है कि वर्ष 1997 में भारत रत्न और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने सिन्धु दर्शन यात्रा की शुरूआत की थी. जिसके बाद प्रतिवर्ष यह यात्रा 23 से 26 जून तक लेह-लद्दाख में आयोजित की जाती है. जिसमें बड़ी संख्या में सिंधी धर्मावलम्बी भाग लेते हैं. वेद, शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं में सिन्धु नदी का बड़ा महत्व है. लगभग सभी ग्रन्थों में सिन्धु नदी का उल्लेख मिलता है. इसके साथ ही भारतीय राष्ट्रगान में भी सिन्धु नदी का उल्लेख है. 

हर साल 25 राज्यों से आते हैं सिन्धी

वहीं सिन्धी समाज में भी ईष्ट देव झूलेलाल के अवतार का जल से संबंध है. ऐसे में यह यात्रा सिन्धी धर्मावलम्बियों के लिए बड़ी पवित्र मानी जाती है. प्रतिवर्ष देश के लगभग 25 राज्यों से सिन्धी धर्मावलम्बी इस पवित्र यात्रा पर जाते हैं. यह यात्रा जम्मू और कुरूक्षेत्र से प्रारम्भ होती है और लगभग 12 दिन चलती है.

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