Rajasthan News: राजस्थान के करीब 27 हजार राशन डीलर्स अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 1 अगस्त से हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे प्रदेश भर में लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है. जयपुर से लेकर छोटे से गांव तक राशन की दुकानें बंद हैं और लोगों को गेंहू नहीं मिल पा रहा है. इसी कारण हड़ताल शुरू होने के दो ही दिन में यह मुद्दा विधानसभा तक पहुंच गया है. शुक्रवार को विधायक गोपाल शर्मा ने इसे लेकर सरकार से सवाल पूछा है, जियका मंत्री सुमित गोदारा ने जवाब दिया है.
'जल्द ही समाधान कर लेंगे'
विधायक शर्मा ने पूछा, 'जयपुर में उपभोक्ताओं हेतु सुविधा एवं मध्यस्थता केन्द्र की स्थापना की जानी थी. उस दिशा में आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी? मंत्री सुमित गोदारा ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'सुविधा एवं मध्यस्थता केन्द्र के लिए 2015 में भूमि आवंटित की थी, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से कार्य नहीं हो पाया.' इसके बाद विधायक शर्मा ने पूछा, '4 करोड़ 36 लाख 13000 उपभोक्ताओं से जुड़ी राशन की दुकान क्या इस समय बंद हैं? क्या जनता को राशन नहीं मिल रहा है? मंत्री सुमित गोदारा ने जवाब देते हुए कहा, 'राशन डीलर हड़ताल पर हैं. हम उनसे चर्चा कर रहे हैं. जल्द ही समाधान कर लेंगे.'
राशन डीलर्स की मांगें क्या हैं?
राशन डीलर्स की मांग है कि उन्हें हर महीने 30 हजार रुपये तक मानदेय मिलना चाहिए. गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजता दी जानी चाहिए. 5-6 माह से राशन विक्रेता का केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अटका कमीशन जारी किया जाना चाहिए. आधार सीडिंग की राशि, प्रवासी योजना के तहत वितरण कराए गए गेहूं का कमीशन और ई-केवाईसी का सीडिंग का मेहनताना भी दिया जाए. इसके साथ ही उन्होंने बुजुर्ग और दिव्यांग उपभोक्ताओं को डोर-टू-डोर राशन पहुंचाने वाले आदेशों को हटाने की मांग की है. उनका कहना है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाती हैं, तब तक दुकान नहीं खुलेंगी.'
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