Rajasthan: अब राजस्थान में भी गाय को राज्यमाता का दर्जा देने की तैयारी चल रही है. महाराष्ट्र के अधिकारी से कानून की जानकारी ली जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर में गोमाता को राज्यमाता का दर्जा देने का फैसला लिया था. राजस्थान गोतस्करी के लिए बदनाम है. गाय को राज्यमाता का दर्ज मिला तो महाराष्ट्र के बाद दूसरा राज्य ऐसा होगा. इसे लागू होते ही गो-तस्करों पर सख्त कानूनी प्रावधान हो जाएगा.
महराष्ट्र में गाय को राज्यमाता का दर्जा
16 अक्टूबर को ग्रामीण विकास और पंचायतीराज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने सीएम को पत्र लिखा था, जिसमें गाय को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग की. पशुपालन एवं गो-पालन मंत्री जोराराम कुमावत ने मीडिया को बताया कि ऊंट को राज्य पशु घोषित किए जाने पर उसकी तस्करी और बलि पर रोक लग गई. गाय को गोमाता का दर्जा मिलने पर तस्करी रुक जाएगी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में गोमाता को राज्यमाता का दर्जा दिया है. वहां की सरकार से चर्चा कर रहे हैं. गाय को गोमाता का दर्जा देने के लिए क्या बिल लाना पड़ेगा या फिर नियमों में ही बदलाव करना पड़ेगा, इसके लिए क्या प्रावधान किए गए हैं. जल्द ही सरकार इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेगी.
5वीं कक्षा के बच्चे गोमाता का पाठ पढ़ेंगे
सरकारी स्कूलों के पांचवीं कक्षा के बच्चे जल्दी ही गोमाता का पाठ पढ़ेंगे. शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने इस कक्षा में गोमाता का चैप्टर शामिल करने के संकेत दिए हैं. मदन दिलावर ने कहा कि छोटे बच्चों को गोमाता के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए. गोमता का गोबर-मूत्र क्या काम आता है? दूध स्वास्थ्य के लिए कितना उपयोगी है? गोमाता धरती माता के लिए बहुत उपयोगी है, इसकी जानकारी भी बच्चों को होना चाहिए.
गायों को आवारा कहकर बुलाने पर रोक
उन्होंने कहा कि हम विद्वानों से बात करेंगे कि इसको बच्चों को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है. इसके बाद संभव हुआ तो पांचवीं कक्षा में गोमाता से जुड़ा चैप्टर शामिल किया जाएगा. मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर गोमाता पर एक बहुत अच्छा आदेश जारी हुआ है, जिसमें राजस्थान सरकार ने गायों को आवारा कहकर बुलाने पर रोक लगा दी है. इसकी जगह सम्मानजनक शब्द इस्तेमाल करने की अधिसूचना जारी की है.
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