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Rajasthan Politics: डोटासरा ने किया 'हिट एंड रन पॉलिटिक्स' का जिक्र, BJP से बोले- 'अगर है दम, तो करके दिखाओ...'

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस-बीजेपी के दो वरिष्ठ नेता में 'डिजिटल वॉर' छिड़ गया है. दोनों ही नेता इस वक्त सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पुराना नाम- ट्विटर) पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

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Rajasthan Politics: डोटासरा ने किया 'हिट एंड रन पॉलिटिक्स' का जिक्र, BJP से बोले- 'अगर है दम, तो करके दिखाओ...'
गोविंद सिंह डोटासरा और राजेंद्र सिंह राठौड़ (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान में बीजेपी-कांग्रेस के बीच जारी ट्विटर वॉर में शुक्रवार को 'हिट एंड रन पॉलिटिक्स' का जिक्र आया, जिसने प्रदेश की सियासत में खलबली मचा दी. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविदं सिंह डोटासरा ने लिखा, 'ये Hit & Run Politics छोड़िये, अब विपक्ष में नहीं सरकार में हो आप. हाथ पर हाथ रखकर क्यों बैठे हो बेरंग. अगर है दम, तो करके दिखाओ RPSC भंग. चाहे मर्जी जो लो एक्शन, पर बंद करो ये झूठा मिशन. किसानों के बच्चों पर ही छाती क्यों पिटते हैं स्वयंभू CM! दबाने का दौर बीत चुका है, हमारे बच्चे पढ़ेंगे भी और कामयाब बनेंगे भी.'

'जरा होश की बात करो, अब यहां..'

कांग्रेस नेता के इस ओपन चैलेंज का जवाब देते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने लिखा, 'तुम्हारी और मेरी राहें अलग-अलग तो होनी ही है क्योंकि तुम जहां को जा रहे हो मैं वहीं से आ रहा हूं. 4 बार की जीत से ही अगर आपने स्वाभिमान और अहंकार के अंतर को भुला दिया, कहीं एक बार और जीत आए तो मोदी के बनाए सिक्स लेन हाइवे से आगरा ले जाना पड़ेगा. मुझे भी गर्व है कि आपसे दोगुनी बार जीतने के बाद भी विनम्रता अभी जीवंत है क्योंकि यह भाजपा है, छल प्रपंच का अखाड़ा नहीं. जरा होश की बात करो, अब यहां नाथी का बाड़ा नहीं. जो करा है, वो ही सर्टिफिकेट में भरा है, "मेहनत" से 4-4 अभ्यर्थियों के एक जैसे अंक लाने से पहले सोचना था कि नम्बर तो थोड़े कम ज़्यादा कर लेते. नहीं सोचा, चूक हुई, इसीलिए सर्टिफिकेट दिया गया है. इसका भी दोष दूसरों पर? बच्चे सभी के पढ़ेंगे और कामयाब भी होंगे. "बशर्ते" पिछले दरवाजे से पास होने वाले "फॉर्मूला" बाज़ों से बच सके. "बशर्ते"  किसी ख़ुदगर्ज़ के "कलाम" उनकी राह के रोड़े ना बने.

'जांच कराने की चुनौती देने से...'

दरअसल, डोटासरा ने ये ट्वीट राठौड़ की एक पोस्ट के जवाब में लिखा. उस पोस्ट में राठौड़ ने लिखा था कि, 'हाँ, मैं मानता हूं लांछनबाजी में क्या, कोई भी आपका मुकाबला कर ही नहीं सकता. इसलिए मुझे इस प्रतियोगिता में आपके साथ कभी भी शामिल नहीं समझें. आपकी यह “विशेषज्ञता” आपको ही मुबारक. आपको माफिया की याद अब आयी? पांच साल में आपकी सरकार को क्या सन्निपात हो गया था? जारोली, कटारा, केसावत, राणावत सबने किया था जो भ्रष्टाचार, तब दागदारों की क्यों नहीं करवाई जांच, आरपीएससी की प्रतिष्ठा पर भी आई थी आंच. युवाओं के कलेजे में फंसी रही थी बेरोजगारी की फांस. मेहनत और प्रतिभा की खिल्ली किसने उड़ाई? राजस्थान का हर प्रतियोगी छात्र जानता है. सब कुछ सामने आएगा, बस धैर्य रखिये. जिन बच्चों ने दिन रात मेहनत कर परीक्षा पास की, दुःख तो यही है कि वे तो बेचारे निराशा के घोर अंधेरे में डूब गये. उजाले किनके हिस्से आये और क्यों आये - यह पूरा प्रदेश आज जान रहा है. इसी कथित “मेहनत” और 4 -4 अभ्यर्थियों के एक जैसे नम्बर कैसे लाए जाए, का ही  "फॉर्मूला" तो वे सभी गरीब बेरोज़गार पूछ रहे हैं, जो पेपर लीक से ठगे गए हैं. और हां, जांच करवाने की यूं चुनौतियाँ देने से कोई अपराध खत्म नहीं होता.'

'सरकार तुम्हारी दिल खोलकर जांच करवाओ'

इससे पहले भी डोटासरा ने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था, 'अपने पे बात आए तो मर्यादा याद आए, औरों पर झूठे लांछन लगाएं तो सारी मर्यादा भूल जाएं. कीचड़ उछालकर कीचड़ से कौन बचा है, मर्यादित रहना ही मर्यादा का उसूल सच्चा है. माफिया के 'दाग़' में कब तक ओढ़ोगे शराफ़त, फिर कहता हूं....आलोचना और आरोप के फ़र्क में रखो ज़रा नज़ाकत. जिन बच्चों ने दिन रात मेहनत कर आपकी सरकार के समय RAS परीक्षा पास की, उनकी मेहनत पर खिल्ली उड़ाकर झूठे आरोप 3 साल से लगा रहे हो. सिर्फ झूठा हल्ला मत मचाओ, है दोनों जगह सरकार तुम्हारी दिल खोलकर जांच करवाओ.'

'पर्चा लीक करने में भी मेहनत होती है'

डोटासरा का ये जवाब राठौड़ की उस पोस्ट के जवाब में था जिसमें लिखा था कि, 'बेरोजगारों का पर्चा लीक करने में भी मेहनत होती है, यह अजीबोगरीब कहानी आपकी अदा से ही क्यों बयां होती है. गरीबों के सपने कुचलने में कैसा स्वाभिमान? गफलतों में डूबी तुम्हारी जिंदगी में नफरत की आग जमा है. गली गली में चर्चे है तेरे "क़लामों" के, पर "कलामों" के पन्नों पर कई दाग जमा है. राजनीति में आलोचना-समालोचना जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे कि मर्यादाहीन भाषा आने वाली पीढ़ी को हिबा ना हो और जब कभी नजरें मिले तो हम शर्मिंदा ना हों.'

'अगली परीक्षा के लिए शुभकामनाएं'

इससे पहले डोटासरा ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'गलतफहमी ना पाल, ये जनता का पर्चा है. तेरे सिर्फ़ टोल, बजरी, भूमाफिया होने की चर्चा है. काश.. अवैध अड्डों से इतर तारानगर वाले नेताजी की जनता में भी चर्चा रहती तो जवाब सदन में मिलता. और हां.. अहंकार नहीं, स्वाभिमान है! हमारे यहां बच्चों को मेहनत करने और पढ़ने की शिक्षा दी जाती है, टोल, बजरी और शराब के धंधे की नहीं. अगली परीक्षा के लिए शुभकामनाएं.' बता दें कि राजेंद्र राठौड़ ने पहले ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'इतना भी गुमान ना कर अपनी जीत पर ऐ बेखबर, शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं. सीकर वाले नेताजी, इतना भी अहंकार ठीक नहीं है. हार और जीत एक सिक्के के दो पहलू है। अभी एक परीक्षा और बाकी है. युवा आज भी पूछ रहे हैं - एक ही परिवार से 4-4 आरएएस बनना संयोग था या प्रयोग? युवाओं के सपनों के सौदागरों को माफ नहीं किया जाएगा। जवाब तो देना ही पड़ेगा.'

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