![राजस्थान की 50 कॉलोनियों को प्रशासन ने किया निरस्त, लोगों का सताने लगा बुलडोजर एक्शन का डर राजस्थान की 50 कॉलोनियों को प्रशासन ने किया निरस्त, लोगों का सताने लगा बुलडोजर एक्शन का डर](https://c.ndtvimg.com/2025-02/0vv6a2jo_-_625x300_15_February_25.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Hanumangarh News: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की भादरा नगरपालिका प्रशासन के एक आदेश से कस्बे में हड़कंप मच गया है. करीब 50 कॉलोनियों को निरस्त करने का आदेश सार्वजनिक किया गया है. इन्हें निरस्त करने का कारण कॉलोनियों के 500 मीटर के दायरे में कोई राजस्व गांव नहीं होना बताया गया है. नगर पालिका भादरा ईओ के इस आदेश में चक 8, 9, 10 बारानी और 5, 6, 7, 8 बीएचडी में काटी जा रही करीब 50 अवैध कॉलोनियों को निरस्त किया गया है. हालांकि इससे पहले इनमें से कई कॉलोनियों के भू-रूपांतरण की प्रक्रिया भी हो चुकी थी, लेकिन किसी भी कॉलोनी के 500 मीटर के दायरे में कोई राजस्व गांव नहीं होने के कारण नगर नियोजक बीकानेर ने इन्हें मंजूरी नहीं दी थी. इसके बाद नगर पालिका ईओ पवन चौधरी ने इन सभी कॉलोनियों को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया.
बड़ी संख्या में कॉलोनाइजरों ने बेचे प्लॉट
साथ ही, जिन अवैध कॉलोनियों को तोड़ा जा रहा है, उनकी भूमि को खातेदारी कृषि भूमि के रूप में उपयोग करने के आदेश जारी किए गए हैं.इस संबंध में नगरपालिका ने भादरा तहसीलदार को पत्र भी भेजा है.अचानक बड़ी संख्या में कॉलोनियों के निरस्त होने से वहां प्लॉट खरीदने वाले लोगों की बड़ी राशि फंस गई है. जानकारों के अनुसार, आसपास के क्षेत्र में कई कॉलोनाइजरों ने कृषि भूमि पर कॉलोनियां विकसित कर वहां बड़ी संख्या में प्लॉट बेच दिए हैं. जिसके बाद लोगों को वहां बुलडोजर एक्शन होने का डर सताने लगा है. लेकिन फिलहाल तहसीलदार को पत्र भेजकर इन कॉलोनियों की जमीन की रजिस्ट्री करने को कहा गया है
राजस्व गांव नहीं होने के कारण खत्म होगी कॉलोनियां
इस संबंध में उन्होंने कृषि भूमि के भू-रूपांतरण की फाइलें भी प्रस्तुत की. जो उन्होंने पिछले दो-तीन वर्षों में राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 के तहत धारा 90-ए की स्वीकृति लेकर जारी की. इसके बाद इनमें से कुछ कॉलोनियों की फाइलें स्वीकृति के लिए नगर नियोजक बीकानेर को भेजी गई, लेकिन आसपास कोई राजस्व गांव नहीं होने के कारण नगर नियोजक ने इन फाइलों को विभागीय नियमों के विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया. अब नगर नियोजक द्वारा फाइलें निरस्त करते ही नगर पालिका की ओर से सुओमोटो वाली कॉलोनियों की 90-ए की स्वीकृति भी निरस्त कर दी गई है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन कॉलोनियों के नाम पर 90-ए की स्वीकृति देते समय नियमों की अनदेखी की गई.
निवेशकों की डूब रही बड़ी राशि
अवैध घोषित की गई कॉलोनियों में प्लॉट बांटने के बाद कॉलोनाइजरों ने कई जगह सड़क और बिजली कनेक्शन भी दे दिए हैं. कॉलोनाइजरों ने ग्राहकों को बिजली, पानी, सड़क, नाली, पट्टे जैसी मूलभूत सुविधाएं देने का वादा करके सैकड़ों प्लॉट भी बेचे हैं. अब 90-ए की मंजूरी रद्द होते ही इन कॉलोनियों में न तो पट्टे बन सकेंगे और न ही बिजली-पानी की सुविधा मिल पाएगी. ऐसे में अब निवेशकों को अपना पैसा वसूलने के लिए कॉलोनाइजरों के चक्कर काटने पड़ेंगे.
तहसीलदार को कार्रवाई के लिए भेजा लेटर
इस बारे में भादरा नगर पालिका के ईओ पवन चौधरी का कहना है कि इस कार्रवाई के लिए तहसीलदार को पत्र भेजकर इन कॉलोनियों की जमीन की रजिस्ट्री करने को कहा गया है. हालांकि प्रारंभिक तौर पर 90-ए की कार्रवाई के बावजूद म्यूटेशन नहीं होने की बात सामने आई है, फिर भी अगर किसी कॉलोनी की जमीन का म्यूटेशन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है तो उसे निरस्त कर कृषि भूमि को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा.
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