राजस्थान हाईकोर्ट ने फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने UPSC सचिव, पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, PCCF, राज्य कार्मिक विभाग के सचिव और RFS अधिकारी जगदीप सिंह दहिया को नोटिस जारी किया है. आरोप है कि दहिया ने सिस्टम में हेराफेरी कर दिव्यांग श्रेणी का लाभ उठाया और इसी आधार पर भारतीय वन सेवा (IFS) में पदोन्नति हासिल की. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चयन के समय उन्होंने न तो दिव्यांग कोटा में आवेदन किया था और न ही 40% बेंचमार्क डिसेबिलिटी थी.
दिव्यांग प्रमाणपत्र में हेराफेरी पर नोटिस जारी
दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट में फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र मामले सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक जैन ने दिव्यांग प्रमाणपत्र में कथित हेराफेरी से जुड़े मामले में नोटिस जारी किए हैं. मामला राजस्व वन सेवा (RFS) के अधिकारी जगदीप सिंह दहिया से संबंधित है, जिन्हें अब भारतीय वन सेवा (IFS) में जाने का लाभ मिला है. वरिष्ठता सूची में उनसे उच्च वरीयता रखने वाले कई अधिकारियों ने इस लाभ को चुनौती दी है.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जगदीप सिंह दहिया को अचानक विशेष योग्यजन होने का लाभ दे दिया गया, जबकि न तो उन्होंने चयन के समय विकलांग श्रेणी में आवेदन किया था और न ही उन्हें 40 प्रतिशत या उससे अधिक की बेंचमार्क डिसेबिलिटी थी. इसके बावजूद उन्हें इस आधार पर सेलेक्शन स्केल दे दिया गया.
09 दिसंबर को होगी सुनवाई
आरोप है कि अरण्य भवन में तैनाती के दौरान उन्होंने प्रणाली में हेराफेरी कर फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाया और अनुचित लाभ प्राप्त किया इसी के आधार पर अब उन्हें IFS पद पर पदोन्नति का फायदा मिला है. हाल ही में SOG ने इस तरह के कई मामलों में जांच शुरू की है और राज्य सरकार ने दिव्यांग प्रमाणपत्रों की पुनः जांच का निर्देश भी दिया है, लेकिन जगदीप सिंह दहिया का दोबारा परीक्षण नहीं किया गया.
अब हाईकोर्ट ने भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF), राज्य सरकार के कार्मिक विभाग (DOP) सचिव और जगदीप सिंह दहिया को नोटिस जारी किए हैं. मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.
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