
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक भर्ती-2018 में देरी से नियुक्त हुए अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है. न्यायालय ने इन अध्यापकों को नोशनल परिलाभ, वार्षिक वेतन वृद्धि, वरिष्ठता का लाभ सहित वेतन एवं सेवा संबंधी सभी परिलाभ देने का आदेश दिया है. यह आदेश जस्टिस नूपुर भाटी की एकलपीठ ने कल्पना, पूनम व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर दिया.
याचिकाकर्ता ने क्या कहा ?
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने कोर्ट को बताया कि 21 अगस्त 2018 को पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था. याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन दस्तावेज जांच और अन्य कारणों से उनकी नियुक्ति 17 जनवरी 2022 और उसके बाद हुई थी. जबकि उसी भर्ती के अन्य अभ्यर्थियों को पहले ही नियुक्ति मिल गई. चूंकि सभी अभ्यर्थी एक ही भर्ती के अंतर्गत थे, इसलिए देरी से नियुक्ति का दोष याचिकाकर्ताओं का नहीं माना जा सकता.
नियुक्त हुए शिक्षकों के लिए राहत की बड़ी खबर है
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने माना कि एक ही भर्ती में लगे सभी कर्मचारी समान रूप से सेवा के परिलाभ पाने के हकदार हैं. इसलिए, सभी को वेतन परिलाभ, वरिष्ठता का लाभ और अन्य सुविधाएँ प्रदान की जाएं. यह फैसला देरी से नियुक्त हुए शिक्षकों के लिए राहत की बड़ी खबर है.
दरअसल, प्री प्राइमरी टीचर भर्ती परीक्षा में याचिकार्ताओं की नियुक्ति देरी से हुई थी. इस कारण उनके सर्विस पीरियड पर असर पड़ रहा था. उनके सर्विस पीरियड की अवधि कम हो रही थी. साथ ही उन्हें वार्षिक इंक्रीमेंट भी उसी भर्ती में पहले नियुक्ति पाने वाले के हिसाब से नहीं मिल रहा था. सर्विस कम होने के कारण उनके नोशनल पेंशन परिलाभ, सीनियरिटी पर भी असर पड़ रहा था.
यह भी पढ़ें- बाड़मेर में DSP ने मारा दलित हेड कांस्टेबल को थप्पड़ ! हनुमान और उम्मेदाराम बेनीवाल ने जांच की मांग की