
SI Paper Leak Case: राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021 को लेकर शुक्रवार (11 जुलाई) को राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति समीर जैन ने सरकार और जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि हम राजस्थान की जनता को पेपर लीक से बने थानेदारों के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं. अदालत ने साफ कहा कि एक तरफ सरकार यह कह रही है कि भर्ती को रद्द करने का फैसला फिलहाल जल्दबाज़ी होगा. वहीं दूसरी ओर वह यह भी मान रही है कि पेपर लीक में आरपीएससी सदस्यों और कोचिंग माफिया की मिलीभगत रही है. ऐसे में सरकार का यह रवैया दोहरा मापदंड दिखाता है.
SOG की भूमिका पर सवाल
कोर्ट ने एसओजी की भूमिका पर भी सवाल उठाए. कहा कि पहले एसओजी यह कह रही थी कि वह भर्ती में सही-गलत की पहचान नहीं कर सकती, लेकिन अब वही एजेंसी कह रही है कि वह दोषियों को छांट सकती है. न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो एक बार फिर SIT प्रमुख वीके सिंह या डीजीपी को अदालत में बुलाकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा जा सकता है.
कोर्ट ने फैसला लेने के लिए स्वतंत्र
इससे पहले सुनवाई की शुरुआत में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए.के. शर्मा ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं ने तथ्यों को छिपाकर याचिका दायर की है, इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए. इस पर अदालत ने स्पष्ट किया कि कोर्ट किसी दायरे में बंधा नहीं है और वह याचिका से परे जाकर भी निर्णय देने के लिए स्वतंत्र है.
सरकार की ओर से बताया गया कि अब तक भर्ती प्रक्रिया में 50 अभ्यर्थियों को डी-बार किया गया है. इस पर कोर्ट ने सवाल उठाया कि अगर आगे की जांच में यह संख्या 200 तक पहुंच गई तो फिर सरकार क्या करेगी. मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. हाई कोर्ट की इस टिप्पणी और रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि SI भर्ती 2021 का मामला अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहा है. कोर्ट ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह भर्ती प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताओं को लेकर गंभीर है और जरूरी हुआ तो कठोर आदेश देने से पीछे नहीं हटेगा.
कोर्ट में अब अगली सुनवाई 14 जुलाई 2025 को होने वाली है.
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