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Rajasthan: शादी करवाने के नाम पर अमीर लोगों को बेच देते थे लड़कियां, पुलिस ने फ़र्ज़ी NGO के चार लोगों को पकड़ा 

पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इन लड़कियों की रंगत और शरीर के हिसाब से कीमत तय की जाती थी. शादी के लिए ले जाते वक्त उन्हें नशे की दवाएं दी जाती थीं ताकि वे विरोध न कर सकें.

Rajasthan: शादी करवाने के नाम पर अमीर लोगों को बेच देते थे लड़कियां, पुलिस ने फ़र्ज़ी NGO के चार लोगों को पकड़ा 
पुलिस की गिरफ़्त में आरोपी

Rajasthan News: जयपुर से मानव तस्करी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. बस्सी थाना पुलिस ने सर्वसमाज गायत्री फाउंडेशन नामक एनजीओ की आड़ में चल रहे नाबालिग लड़कियों की तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. आरोपियों ने सोशल मीडिया को शिकार के लिए हथियार बना रखा था. फेसबुक के ज़रिए गरीब परिवारों को शादी का झांसा देकर लड़कियों को बहला-फुसलाकर जयपुर लाया जाता और फिर उनका सौदा लाखों में कर दिया जाता.

NGO के नाम पर धंधा, फेसबुक बना फंसाने का जाल

डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम ने बताया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर NGO पर छापा मारा. यहां से संचालिका गायत्री विश्वकर्मा और उसके साथी भगवानदास महेंद्र हनुमान सिंह को गिरफ्तार किया गया. साथ ही एक महिला को भी राउंडअप किया गया है.

यह गिरोह फेसबुक के ज़रिए वैवाहिक सहायता के नाम पर प्रचार करता था. एजेंट यूपी, बिहार और बंगाल जैसे राज्यों से लड़कियों को कोलकाता में नौकरी या शादी का झांसा देकर जयपुर लाते थे. विरोध करने पर धमकाया जाता और उन्हें डेरों में कैद कर दिया जाता.

फर्जी दस्तावेज, नशे की डोज और शादी का सौदा

गायत्री विश्वकर्मा लड़कियों के फर्जी दस्तावेज बनवाकर अवैध शादियां करवाती थी और इसके लिए मोटी रकम वसूलती थी. एक 16 वर्षीय नाबालिग को अजमेर निवासी दो दलाल जयपुर लाए और 2.5 लाख रुपये में सौदा तय कर उसे नशे की हालत में यूपी में शादी के लिए मजबूर किया गया. बाद में जब लड़की को परेशान किया गया तो दलाल उसे फिर से जयपुर के एनजीओ में लेकर आए.

पीड़िता की हिम्मत से खुला मामला

इस घिनौने खेल का पर्दाफाश तब हुआ जब वही नाबालिग लड़की एक महिला की मदद से एनजीओ से भाग निकली और पुलिस से संपर्क किया. उसकी शिकायत पर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर उसे उत्तर प्रदेश भिजवाया और बस्सी के सुजानपुरा फर्जी एनजीओ पर छापा मार कर पूरी गैंग को धर दबोचा.

रंग और शरीर के आधार पर होता था सौदा

पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि इन लड़कियों की रंगत और शरीर के हिसाब से कीमत तय की जाती थी. शादी के लिए ले जाते वक्त उन्हें नशे की दवाएं दी जाती थीं ताकि वे विरोध न कर सकें.

पहले कानोता में चलाती थी धंधा, अब बस्सी में शिफ्ट

गायत्री विश्वकर्मा इससे पहले कानोता, खोह नागोरियान और ट्रांसपोर्ट नगर जैसे इलाकों में यही धंधा करती थी. वहां उसके खिलाफ करीब 10 मामले दर्ज हैं. मुकदमे बढ़ने पर उसने ठिकाना बदल लिया और बस्सी में एनजीओ के नाम पर फिर से इस रैकेट को शुरू कर दिया.

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