Rajasthan Jat Reservation: राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर जाट समाज ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) की मांग को लेकर 17 जनवरी से महापड़ाव कर रहे हैं. वहीं जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से 22 जनवरी तक शांतिपूर्ण आंदोलन की बात कही थी और चेतावनी दी थी कि इसके बाद वह आंदोलन के लिए अलग रास्ता अपनाएंगे. लेकिन इससे पहले ही उन्हें वार्ता करने के लिए भजन लाल सरकार की ओर से न्योता दिया गया. जिसके बाद 11 प्रतिनिधि सीएम से मिलने के लिए जयपुर पहुंचे.
केंद्र सरकार से जाट ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के 11 प्रतिनिधि सीएम से मिलने जयपुर पहुंचे थे लेकिन उनकी सीएम भजन लाल शर्मा से मुलाकात नहीं हो पाई है.
23 जनवरी को होगी विधासभा चैंबर में मुलाकात
खबर है कि जाट आरक्षण संघर्ष समिति के 11 सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल के साथ पहले दौर की वार्ता हुई है. जिसमें काफी अच्छे संकेत मिलने की बात कही जा रही है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि वार्ता अच्छे वातावरण में हुई है. और संकेत भी अच्छे मिल रहे हैं. उन्होंने बताया कि सीएम को खाटू श्याम मंदिर और सलालसर के लिए जाना था इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो पाई है. हालांकि, सीएम से मुलाकात के लिए 23 जनवरी को समय दिया गया है.
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि सीएम से 23 जनवरी को दोपहर 12 से 1 के बीच मुलाकात का समय दिया गया है. इसके लिए उन्हें विधानसभा चैंबर में बुलाया गया है.
जब तक आरक्षण नहीं मिलता महापड़ाव रहेगा जारी
जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाट समाज के लोगों से दूसरे दौर की वार्ता सम्पन्न होने तक शांति बनाने की अपील की है. साथ ही कहा गया है कि दूसरे दौर की वार्ता का जो भी परिणाम निकलेगा उसे महापड़ाव स्थल पर जाट सरदारी को बताया जायेगा. लेकिन महापड़ाव तब तक जारी रहेगा जब तक आरक्षण की मांग को मान नहीं लिया जाता है.
बता दें, राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज का ओबीसी आरक्षण (Jat OBC Reservation) को 10 साल पहले केंद्र में आयी बीजेपी सरकार ने समाप्त कर दिया था. हालांकि, साल 2017 में जब राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने जाटों को ओबीसी आरक्षण दिया था तो लगा था कि केंद्र भी अब इसके सहाने आरक्षण को लागू कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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