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Rajasthan: कोटा विश्वविद्यालय ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, जॉर्जिया की यूनिवर्सिटी के साथ शैक्षणिक समझौता

राजस्थान के कोटा विश्वविद्यालय ने जॉर्जिया के ग्रिगोल रोबाकिद्जे विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक समझौता किया है. यह पांच साल का सहयोग छात्र-शिक्षक आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा.

Rajasthan: कोटा विश्वविद्यालय ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, जॉर्जिया की यूनिवर्सिटी के साथ शैक्षणिक समझौता
कोटा विश्वविद्यालय.

Rajasthan News: राजस्थान में कोटा विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. विश्वविद्यालय ने जॉर्जिया के मशहूर ग्रिगोल रोबाकिद्जे विश्वविद्यालय (GRUNI), त्बिलिसी के साथ एक खास शैक्षणिक समझौता (MoU) किया है. इस समझौते पर कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत और GRUNI के उप-कुलपति प्रो. वख्तांग चाराइया ने हस्ताक्षर किए. यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा.

पांच साल का सहयोगी रास्ता

कुलपति प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत ने बताया कि यह समझौता अगले पांच साल तक चलेगा. इसके बाद दोनों पक्षों की सहमति से इसे और बढ़ाया जा सकता है.

इस दौरान दोनों विश्वविद्यालय मिलकर कई शैक्षणिक गतिविधियों को अंजाम देंगे. कोटा विश्वविद्यालय की प्रो. अनुकृति शर्मा इस सहयोग की समन्वयक होंगी जबकि जॉर्जिया की ओर से प्रो. वख्तांग चाराइया संपर्क व्यक्ति रहेंगे. प्रो. अनुकृति सभी गतिविधियों की निगरानी करेंगी.

छात्र-शिक्षक आदान-प्रदान की अनूठी योजना

इस समझौते की सबसे खास बात है छात्र और शिक्षक आदान-प्रदान कार्यक्रम. प्रो. अनुकृति शर्मा ने बताया कि छात्र एक साल तक दूसरे विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकेंगे. खास बात यह है कि छात्रों को सिर्फ अपने मूल संस्थान में फीस देनी होगी. मेजबान संस्थान कोई शिक्षण शुल्क नहीं लेगा. छात्रों को वहां स्थानीय छात्रों की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी. हालांकि आवास, यात्रा, किताबें और स्वास्थ्य बीमा का खर्च छात्रों को खुद उठाना होगा.

अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों में सहयोग

दोनों विश्वविद्यालय मिलकर संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर काम करेंगे. शिक्षकों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान होगा जिससे ज्ञान और अनुभव का लेन-देन बढ़ेगा. पुस्तकालय संसाधन, शोध पत्र, डेटाबेस और पाठ्य सामग्री भी साझा की जाएगी. दोनों संस्थान मिलकर सम्मेलन, सेमिनार, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी एक-दूसरे की मदद की जाएगी.

बौद्धिक संपदा और वित्तीय नियम

समझौते में साफ किया गया है कि अनुसंधान से बनी सामग्री दोनों संस्थानों की साझा संपत्ति होगी. इसका बंटवारा योगदान के आधार पर होगा. किसी भी पक्ष पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा. दोनों अपनी-अपनी जिम्मेदारियां खुद संभालेंगे.

कोटा की शान, वैश्विक पहचान

कोटा पहले से ही इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए मशहूर है. अब यह समझौता कोटा को अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक मंच पर नई पहचान देगा. अगर कोई पक्ष समझौता खत्म करना चाहे तो तीन महीने पहले लिखित सूचना देनी होगी. फिर भी चल रहे आदान-प्रदान कार्यक्रम पूरे होंगे. यह समझौता भारत और जॉर्जिया के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत करेगा.

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