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This Article is From May 02, 2024

Rajasthan: झालावाड़ में करोड़ों का 'शराब घोटाला', गरीबों की जमीन पर करवा लिया शराब की दुकानों का आवंटन

सरकारी योजनाओं का लाभ देने की बात कह कर ग़रीबों से उनकी जमीन के कागजात ले लिए और उनपर शराब की दुकानों का आवंटन करवा लिया. अब जब उन्हें करोड़ों रुपए के बकाया का नोटिस आया तो उन्हें पूरे मामले का पता चला. पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार लगाई है.

Rajasthan: झालावाड़ में करोड़ों का 'शराब घोटाला', गरीबों की जमीन पर करवा लिया शराब की दुकानों का आवंटन
प्रतीकात्मक फोटो

Liquor Scam In Jhalawar: राजस्थान से एक अजीब घोटाले का मामला सामने आया है. मामला झालावाड़ जिले का है. जहां आबकारी विभाग और शराब माफियाओं की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला कर दिया गया. दरअसल झालावाड़ में लोगों की जानकारी के बिना कागजों पर उनकी जमीन पर शराब के ठेके खोल दिए गए. जब आबकारी विभाग की ओर से किसानों को करोड़ों का नोटिस पहुंचा तो उनके होश उड़ गए. 

खास बात यह है कि ऐसे एक दर्जन से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें गरीब व्यक्तियों के नाम से शराब की दुकानों का आवंटन हो गया और उनको पता भी नहीं चला. उन लोगों के घरों में उसे वक्त मातम पसर गया जब आबकारी विभाग की तरफ से उनको करोड़ों रुपए के रिकवरी नोटिस जारी किए गए.

दिहाड़ी करने वालों को करोड़ों रुपये बकाया के नोटिस 

मामला झालावाड़ जिले के अकलेरा क्षेत्र का है, जहां शराब माफिया द्वारा कुछ गरीब लोगों के दस्तावेज विभिन्न कारण बता  कर लिए गए और उनके नाम से शराब की दुकानों का आवंटन करवा लिया गया. मामले में खास बात यह है कि कोई भी व्यक्ति ना तो आबकारी विभाग में गया ना ही उसने कहीं हस्ताक्षर किए, फिर भी उनके नाम से दुकानों का आवंटन हो गया और दुकानें अभी भी धड़ल्ले से चल रही हैं. लेकिन सभी दुकानें डिफाल्टर है और उनके नाम पर करोड़ों रुपए के नोटिस आबकारी विभाग द्वारा निकाले गए हैं.

SP के पास शिकायत करने पहुंचे पीड़ित 

पूरे मामले में लगभग आधा दर्जन पीड़ित झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक को मामले में शिकायत सौंप कर जांच करवाने की मांग की है. शिकायत करने वाले लोगों में से कमलेश ने बताया कि वह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नेमीचंद मीणा के यहां खाना बनाने का काम करता था, जहां उनके किसी सहयोगी द्वारा उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का नाम पर दस्तावेज लिए गए और अब उसे पता चल रहा है कि उन दस्तावेजों का उपयोग आबकारी विभाग में करके दुकानों का आवंटन करवा लिया गया. जिस पर लगभग एक करोड़ रुपए बकाया का नोटिस अब उसको मिला है. उसके नाम से एक दूसरी दुकान भी आवंटित करवाई गई जिस पर 58 लख रुपए बकाया का नोटिस जारी हुआ है.

सरकारी कार्रवाई के डर से परेशान लोग 

एक और पीड़ित अकलेरा क्षेत्र निवासी कासम ने बताया कि उसके नाम से भी दो दुकानों का आवंटन करवा लिया गया. एक बुजुर्ग व्यक्ति नंदा ने बताया कि उसके नाम से भी शराब की दुकान का आवंटन हुआ है और बकाया वसूली का नोटिस उसको मिला है. ऐसे में अब इनको चिंता सता रही है कि यह सरकारी कार्रवाई की ज़द में तो आ गए हैं. लेकिन इनका समाधान क्या होगा, क्योंकि इनके पास तो खाने को भी दाने नहीं है, ऐसे में जिस राशि का नोटिस इन को मिला है वह तो यह किसी भी सूरत में जमा करने की स्थिति में नहीं है.

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