
Rajasthan News: राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों में लेटरल एंट्री के विरोध में डॉक्टरों का आंदोलन जारी है. शनिवार, 14 सितंबर को लगातार पांचवें दिन भी जयपुर के एसएमएस अस्पताल के गेट नंबर तीन पर ग्रुप-1 के डॉक्टरों ने धरना स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ किया. डॉक्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 15 सितंबर दोपहर 2 बजे तक लेटरल एंट्री का आदेश वापस नहीं लिया गया तो चिकित्सा शिक्षक 16 सितंबर सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर देंगे.
डॉक्टरों की मुख्य मांगें
डॉक्टर लेटरल एंट्री के जरिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और बदलाव की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया से उनकी योग्यता और अनुभव को नजरअंदाज किया जा रहा है जिससे उनकी पदोन्नति की संभावनाएं प्रभावित हो रही हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी और रिक्त पदों को जल्द भरने की मांग भी उठ रही है. डॉक्टरों का मानना है कि मौजूदा व्यवस्था उनके करियर को नुकसान पहुंचा रही है.
मरीजों पर पड़ सकता है भारी असर
यदि डॉक्टर कार्य बहिष्कार पर जाते हैं तो इसका सीधा असर आपातकालीन सेवाओं और अस्पतालों की व्यवस्था पर पड़ेगा. बारिश का मौसम खत्म होने के बाद प्रदेश में मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. ऐसे में आंदोलन के तेज होने से एसएमएस अस्पताल सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में इलाज और शिक्षण कार्य प्रभावित हो सकते हैं. इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
मामले पर सरकार की चुप्पी
इस मामले पर अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मांगें जायज हैं और सरकार को जल्द इस पर फैसला लेना चाहिए. आंदोलन के तेज होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट गहरा सकता है.
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