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Rajasthan: तलाकशुदा प्रोफेसर पत्‍नी की प्रॉपर्टी हड़पने के ल‍िए रची साज‍िश, मानस‍िक रोगी बताकर नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया

Rajasthan: अमेरिका में वर्षों तक पढ़ाने के बाद महिला प्रोफेसर 2019 में भारत लौटीं, और जयपुर में स्थायी रूप से रहने लगीं.

Rajasthan: तलाकशुदा प्रोफेसर पत्‍नी की प्रॉपर्टी हड़पने के ल‍िए रची साज‍िश, मानस‍िक रोगी बताकर नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया
मह‍िला प्रोफेसर का तलाकशुदा पति गुंजन सक्सेना और बेटा ध्रुव.

Rajasthan: अमेरिका की प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में प्रोफेसर रही महिला के साथ उनके ही तलाकशुदा पति गुंजन सक्सेना और बेटे ध्रुव ने बड़ी साजिश रची. महिला की संपत्ति हड़पने की नीयत से उन्हें मानसिक रोगी घोषित करवाकर जबरन जयपुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करा दिया गया. तीनों के खिलाफ कोर्ट में पेश हुए सबूतों और मोबाइल रिकॉर्डिंग से यह बात सामने आई है कि मामला केवल पारिवारिक कलह नहीं, बल्कि पूरी तरह से योजनाबद्ध संपत्ति हड़पने की साजिश है. 

मह‍िला के पास करोड़ों की संपत्‍ति‍ 

महिला के पास करोड़ों की संपत्ति है, जिसमें एक बड़ा रिहायशी प्लॉट भी शामिल है. आरोप है कि महिला के पूर्व पति और बेटे ने मिलकर उन्हें मानसिक रूप से बीमार घोषित करवाया, और 2021 में उन्हें एक नशा मुक्ति केंद्र में जबरन भर्ती करा दिया. 

24 द‍िनों तक जबरन दवाएं देकर रखा गया 

पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि किस तरह उन्हें बेहोशी की हालत में नशा मुक्‍त‍ि केंद्र ले जाया गया, और 24 दिनों तक जबरन दवाएं देकर रखा गया. उनका फोन तक छीन लिया गया था. इस दौरान बेटा और पूर्व पति ने प्लॉट से जुड़े दस्तावेज अपने नाम करने की कोशिश की. इसके लिए किश्तों का भुगतान भी खुद करने लगे, ज‍िससे फर्जी स्वामित्व स्थापित किया जा सके. 

प्रोफेसर ने कोर्ट में मोबाइल र‍िकॉर्ड‍िंग सौंपी  

प्रोफेसर ने कोर्ट में जो मोबाइल रिकॉर्डिंग सौंपी, उसमें साफ तौर पर बेटे और पति के बीच की बातचीत है, जिसमें वे मानसिक रोगी घोषित करवाने की योजना बनाते सुनाई दे रहे हैं. इसमें यह भी बताया गया कि किस तरह झूठी मेडिकल रिपोर्ट्स तैयार करवाई गई. 

कोर्ट ने जमानत याच‍िका खार‍िज कर दी 

सुनवाई में कोर्ट ने कहा प्रथम दृष्टया यह मामला शिक्षित महिला को मानसिक रोगी करार देकर उसकी संपत्ति हड़पने की साजिश प्रतीत होता है.  कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.  इसके तुरंत बाद दोनों आरोपी फरार हो गए हैं. पुलिस ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है, और उनकी तलाश जारी है.

"मुझे अपनों से ही धोखा म‍िला" 

पीड़िता ने कहा कि मैंने पूरी जिंदगी ज्ञान और रिसर्च में लगाई, जब रिटायर होकर अपने वतन लौटी तो मुझे अपनों से ही धोखा मिला. मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होते हुए भी मुझे मानसिक रोगी बताया गया और मेरे नाम की संपत्ति हथियाने की कोशिश की गई. मैं न्याय के लिए लड़ रही हूं. 

र‍ि‍हायशी प्‍लॉट पर व‍िवाद 

जांच में सामने आया कि जयपुर स्थित जिस रिहायशी प्लॉट को लेकर विवाद है, उसका स्वामित्व महिला के नाम पर है. लेकिन बेटे ने प्लॉट के डिवेलपर से संपर्क कर किश्तों का भुगतान करना शुरू किया और मालिकाना हक की ओर बढ़ने की कोशिश की.  दस्तावेजों में फेरबदल की भी कोशिश की गई.  पुलिस का कहना है कि कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.  साथ ही नशा मुक्ति केंद्र की भूमिका की भी जांच की जाएगी कि क्या किसी मिलीभगत से महिला को जबरन भर्ती किया गया. 

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