Rajasthan MLA Salary Hike: राजस्थान विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र (Budget Session) में सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े रहे, दोनों पक्ष के नेता आपस में भिड़ते रहे. लेकिन सोमवार को ज्योंही सीएम भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने विधायकों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी का (MLA Salary Hike) ऐलान किया, विपक्ष से आपत्ति का एक लफ्ज नहीं निकला. बल्कि सीएम, वित्त मंत्री पर बजट को लेकर निशाना साधता आया विपक्ष खुशी से मुस्कुराने लगा.
वेतन-भत्ते के मामले में एक हो जाते पक्ष-विपक्ष के सदस्य
वैसे ये पहली बार नहीं है, देश-प्रदेश के सदनों में अक्सर हंगामा करने वाले पक्ष और विपक्ष के नेता किसी एक बात पर पीछे से हाथ मिला लेते हैं तो वो है उनकी मोटी तनख्वाह-भत्ते. भले प्रदेश की माली हालत चरमराई हुई हो, प्रति व्यक्ति आय रसातल में हो. लेकिन माननीयों की जेबें मोटी ही होती जाती हैं. सोमवार को भी विधानसभा में ऐसा ही ऐलान हुआ, जो विधायकों की आर्थिक हालत तो जरूर मजबूत करेगा, लेकिन प्रदेश की बिगाड़ेगा.
सीएम भजनलाल शर्मा ने किया है ऐलान
दरअसल सोमवार को मौजूदा बजट सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फाइनेंस और एप्रोप्रिएशन बिल (वित्त एवं विनियोग विधेयक) पर हुई बहस का जवाब देते हुए विधायकों के वेतन-भत्ते में होने वाली बढ़ोतरी का ऐलान किया. सीएम की घोषणा में बताया कि विधायकों के वेतन, भत्ते और पूर्व विधायकों की पेंशन अब सरकारी कर्मचारियों की तरह हर साल बढ़ेगी. इसके लिए हर बार विधानसभा में कोई बिल भी पास नहीं करवाना होगा.
हर राजस्थानी पर करीब 66 हजार कर्ज
वित्तिय वर्ष 2023-24 का आंकड़ा देखें तो राजस्थान में सरकारी कर्ज बढ़कर 5,70,646 करोड़ रुपए हो गया है. इस वित्त वर्ष के अंत तक इस कर्ज के 6 लाख 40 हजार 687 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. मौजूदा आंकड़े के हिसाब से हरेक राजस्थानी पर करीब 66 हजार रुपये कर्ज है.
अब जरा प्रति व्यक्ति आय भी पर भी नजर डाल लीजिए, जो माननीय के एकदम उलट है. 2021-22 के मुताबिक, राजस्थानियों की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 35 हजार 218 है, जबकि देश का औसत 1.50 लाख रुपए है. आंध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र पंजाब, और तेलंगाना के लोगों की आय राजस्थानवासियों से ज्यादा है.
राजस्थान के विधायकों का वेतन-भत्ता
- एक विधायक का वेतन- 40, 000 रुपए
- निर्वाचन क्षेत्र भत्ता - 70,000 रुपए
- सहायक कर्मचारी भत्ता- 30,000 रुपए
- टेलीफोन भत्ता- 2,500 रुपए
- कमेटियों में आने का भत्ता- 2,000 रुपए
- राज्य से बाहर बैठक भत्ता- 2,500 रुपए
विधायकों की 'शाही' सुविधाओं पर गौर कर लीजिए…
- निर्वाचन क्षेत्र में घूमने के लिए 15 दिन फ्री वाहन
- सरकारी वाहन न लेने पर 40 हजार रु हर माह
- जयपुर में आवास की सुविधा
- सालाना 3 लाख रुप की हवाई, रेल यात्रा
- एसी रोडवेज में फ्री यात्रा
- 80 हजार रुपये तक का फर्नीचर
- एक साल में 5 करोड़ के विकास काम मंजूर कराने का अधिकार
पेंशन भी भरपूर, उम्र बढ़ने पर और होगी बढ़ोतरी
यही नहीं, अगर विधायक नहीं रहे तो भी पेंशन-भत्ते भरपूर हैं. पूर्व विधायक को 35 हजार रुपये तक हर माह पेंशन मिलता है. 5 साल बाद, जितने साल कुर्सी पर रहे, हर साल 1600 रुपये जोड़कर पेंशन मिलती है. पूर्व विधायक के निधन के बाद पत्नी या आश्रित को आधी पेंशन मिलती है. पूर्व विधायक के 70 साल का होने पर 20 फीसदी और 80 साल का होने पर 30 फीसदी पेंशन बढ़ोतरी भी होती है.
तो ये आंकड़ों के जरिये वो कहानी है, जो बताती है किस तरह एक राजस्थानी देशभर में आय में पिछड़ा है, कर्ज में आगे है लेकिन उसके माननीय विधायक जी की आर्थिक सेहत एकदम दुरुस्त है और आगे भी यह कायम रहेगी.
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