
Rajasthan News: राजस्थान के धौलपुर जिले में कुछ दिन पहले 4 अप्रैल को जिला कलेक्टर श्री निधि बीटी के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की की गई थी. वहीं अब इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है. राजाखेड़ा कांग्रेस के विधायक रोहित बोहरा के चाचा प्रदीप बोहरा की मौजूदगी में उनके कार्यकर्ताओं द्वारा कलेक्टर के साथ यह हाथापाई की गई थी.
जिसके विरोध में कलेक्ट्रेट कार्यालय के राजस्व विभाग के कर्मचारी उतर आए हैं. सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया है. कलेक्टर के साथ की गई घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
विरोध में उतरे राजस्व शाखा के कर्मचारी
संगठन के पदाधिकारी ऋषि शर्मा ने बताया कि 4 अप्रैल को जिला कलेक्टर श्री निधि बीटी प्रशासन की टीम के साथ शहर के डाकखाना चौराहे पर अतिक्रमण हटाने के लिए गए थे. रात्रि को कार्रवाई के दौरान कुछ असामाजिक तत्व विरोध करने पहुंच गए थे. असामाजिक तत्वों ने जिला कलेक्टर के साथ बदसलूकी और धक्का मुक्की की थी.

विरोध करते हुए राजस्व शाखा के कर्मचारी
इस घटना के विरोध में कलेक्ट्रेट कार्यालय के राजस्व शाखा के कर्मचारी विरोध में आ गए हैं. कलेक्टर के समर्थन में कर्मचारी खुलकर सामने आ गए हैं. सभी ने सरकार के नाम ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
यह था पूरा मामला
4 अप्रैल की रात्रि को जिला कलेक्टर पुलिस और प्रशासन की टीम को लेकर डाकखाना चौराहे पर अतिक्रमण को हटवाने गए थे. राजाखेड़ा से कांग्रेस के विधायक रोहित बोहरा की कोठी के सामने अतिक्रमण हटाने की कवायद की जा रही थी. इसी दौरान विधायक के चाचा प्रदीप बोहरा कुछ समर्थकों को साथ लेकर कार्रवाई का विरोध करने पहुंच गए थे. कलेक्टर द्वारा विधायक के चाचा और समर्थकों से समझाइस की कोशिश की जा रही थी.
कलेक्टर के गिरवां तक पहुंचने हाथ
इसी दौरान समर्थकों ने कलेक्टर से बदसलूकी कर हाथापाई कर दी. कलेक्टर के गिरवां तक हाथ पहुंचने के बाद पुलिस हरकत में आ गई. तड़के 3:00 बजे विधायक के चाचा प्रदीप बोहरा और उनके तीन समर्थकों को हिरासत में ले लिया. विधायक रोहित बोहरा के दखल के बाद उनके चाचा प्रदीप बोहरा को पुलिस ने छोड़ दिया, लेकिन समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है.
जबकि मामले में सफाई निरीक्षक ने विधायक के चाचा समेत करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ राज्य कार्य में बाधा समेत तमाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. विधायक के चाचा को हिरासत से छोड़े जाने के बाद पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
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