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Rajasthan: नायब तहसीलदार के बेटे को उम्रकैद, दहेज-हत्या के मामले में अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला

राजस्थान के धौलपुर जिले में दहेज हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय ने नायब तहसीलदार के बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने वीरेंद्र पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Rajasthan: नायब तहसीलदार के बेटे को उम्रकैद, दहेज-हत्या के मामले में अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला
जिला न्यायालय धौलपुर.

Rajasthan News: राजस्थान के धौलपुर जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां एक सरकारी अफसर का बेटा भी कानून से नहीं बच पाया. मामला है कि करीब साढ़े चार साल पुराने दहेज हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय धौलपुर ने सैंपऊ के वर्तमान नायब तहसीलदार नाहर सिंह के पुत्र वीरेंद्र उर्फ वीरू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश राकेश गोयल ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी को अपने जीवन के अंतिम क्षण तक कारावास में रहना होगा. इसके साथ ही उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

मामले को लेकर अपर लोक अभियोजक मुकेश सिकरवार ने बताया यह मामला 20 फरवरी 2021 का है. परिवादी मेघ सिंह, निवासी धारा पुरा, राजाखेड़ा, ने 22 फरवरी 2021 को राजाखेड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.

उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी प्रियंका की शादी 11 दिसंबर 2020 को वीरेंद्र उर्फ वीरू से की थी, जिसमें लगभग 20 लाख रुपये का दहेज भी दिया गया था. 

शादी के बाद मांगने लगे 5 लाख रुपये

परिवार के मेघ सिंह ने बताया कि शुरुआत में सब कुछ ठीक रहा, लेकिन कुछ ही समय बाद प्रियंका के ससुराल वाले– ससुर नाहर सिंह, सास विमलेश और पति वीरेंद्र–अतिरिक्त दहेज की मांग करने लगे. वे प्रियंका से मायके से एसी, बुलेट मोटरसाइकिल और 5 लाख रुपये लाने का दबाव डाल रहे थे.

मेघ सिंह के अनुसार, जब प्रियंका ने यह मांगें पूरी करने से इनकार किया तो उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. परिवारीजनों ने कई बार समझौते की कोशिश की, लेकिन ससुराल पक्ष ने बात नहीं मानी. 

दहेज नहीं देने पर महिला को मार दिया

मेघ सिंह ने आगे बताया कि 20 फरवरी 2021 को प्रियंका की हत्या कर दी गई और गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. जब परिवारीजन मौके पर पहुंचे, तब तक प्रियंका की चिता जल चुकी थी. वहीं विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई.

मामले की जांच के बाद राजाखेड़ा थाना पुलिस ने आरोप पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया. इसके बाद साक्ष्यों के अभाव में नाहर सिंह और विमलेश के विरुद्ध कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई. यह मामला बाद में अपर सत्र न्यायालय में पहुंचा, जहां 22 मई 2025 को अंतिम फैसला सुनाया गया. अदालत ने वीरेंद्र उर्फ वीरू को विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए कठोरतम सजा सुनाई है.

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