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Rajasthan: 'हमारी नदियां सूख रही हैं, पहाड़ तोड़े जा रहे हैं और जंगल काटे जा रहे हैं' विश्व वानिकी दिवस पर बोले CM

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज मधुमक्खी पालन से हजारों परिवारों का जीवनयापन हो रहा है, जो वन आधारित आजीविका का एक उदाहरण है. हमें वनों के महत्व को समझते हुए इसके संरक्षण के लिए आगे आना होगा.

Rajasthan: 'हमारी नदियां सूख रही हैं, पहाड़ तोड़े जा रहे हैं और जंगल काटे जा रहे हैं' विश्व वानिकी दिवस पर बोले CM
विश्व वानिकी दिवस पर संबोधन के दौरान राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा

World Forestry Day 2025: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विश्व वानिकी दिवस के मौक़े पर वनों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रकृति हमारे जीवन का आधार है. यदि हम इससे छेड़छाड़ करेंगे तो यह हमारे अस्तित्व के लिए भी घातक साबित हो सकती है. आज हमारे जंगल कम हो रहे हैं, नदियां सिकुड़ रही हैं और पर्वत छोटे होते जा रहे हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि हमें वनों के विकास और संरक्षण के लिए अपने संकल्प को मजबूती से आगे बढ़ाना होगा.

''आने वाली पीढ़ी के लिए वनों का संरक्षण करना होगा''

सीएम ने इस मौक़े पर राजस्थान के स्वर्णिम इतिहास का उल्लेख करते हुए मां अमृता देवी और उनकी बेटियों के बलिदान को याद किया, जिन्होंने वन संरक्षण के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया था. उन्होंने कहा, ''भारतीय संस्कृति सदियों से नदियों, पर्वतों और वृक्षों को पूजती आई है. लेकिन आधुनिक संसाधनों के बढ़ते उपयोग से पर्यावरण को जो क्षति हो रही है, उसे रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है. हमें आने वाली पीढ़ी के लिए वनों का संरक्षण करना होगा ताकि वे भी प्राकृतिक संसाधनों का लाभ उठा सकें.''

''कोई भी जीव फालतू नहीं है, हर एक का अपना महत्व है''

CM शर्मा ने कहा कि, '' वन केवल हमें फल-फूल और भोजन ही नहीं देते, बल्कि यह वन्य जीवों के लिए भी संरक्षण प्रदान करते हैं. एक पेड़ पर अनेकों जीव-जंतु आश्रय लेते हैं और इसी पारिस्थितिकी तंत्र से हमारा जीवन संचालित होता है. इस सृष्टि में कोई भी जीव फालतू नहीं है, हर एक का अपना महत्व है. वन हमें शुद्ध हवा के साथ-साथ विभिन्न औषधियों का भी स्रोत प्रदान करते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं.''

''मधुमक्खी पालन से हजारों परिवारों का जीवनयापन हो रहा है''

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मधुमक्खी पालन से हजारों परिवारों का जीवनयापन हो रहा है, जो वन आधारित आजीविका का एक उदाहरण है. हमें वनों के महत्व को समझते हुए इसके संरक्षण के लिए आगे आना होगा. वन हमें बहुत कुछ देते हैं, इसलिए इनके प्रति हमारी जिम्मेदारी भी उतनी ही अधिक होनी चाहिए. यदि हम आज वन बचाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर पर्यावरण प्रदान कर सकेंगे.

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