
Rajasthan: झुंझुनू के खेतड़ी थाने में रविवार (13 अप्रैल) रात को युवक की मौत के मामले में मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे परिजनों के साथ प्रशासन और पुलिस की वार्ता सफल रही, जिसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए और थाने के सामने दो दिनों से चल रहा धरना समाप्त हो गया. पूर्व आईएएस केएल मीणा, भामाशाह मनोज घुमरिया और सुरेश मीणा आदि की मौजूदगी में वार्ता हुई. कलेक्टर रामावतार मीणा और एसपी शरद चौधरी भी इसमें शामिल रहे. परिजनों की मांगें मान ली गईं.
मृतक के परिवार को 23.26 लाख मिलेंगे
सरकारी योजनाओं और भामाशाहों की मदद से मृतक पप्पू मीणा के परिवार को कुल 23.26 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. मृतक की पत्नी को ₹7500 प्रति माह पेंशन और अजीतगढ़ के पास संविदा पर नौकरी दी जाएगी. डीएसपी और सीआई समेत सभी आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसकी जांच सीआईडी सीबी करेगी.
आज युवक के शव का होगा पोस्टमार्टम
बुधवार (16 अप्रैल) को बीडीके अस्पताल की मोर्चरी में मजिस्ट्रेट की निगरानी में वीडियोग्राफी के साथ मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा. मंगलवार को दिनभर ग्रामीण धरने पर बैठे रहे और शाम को कुछ लोगों ने थाने में घुसने का प्रयास किया, जिसे समझाइश देकर शांत किया गया. भामाशाह मनोज घुमरिया ने 5.51 लाख, पूर्व आईएएस केएल मीणा ने 1 लाख, राजेश भाईड़ा और राजेंद्र गुढ़ा ने 1-1 लाख रुपये देने की घोषणा की.
कलेक्टर ने बताया कि एससी-एसटी योजना से 8.25 लाख, विक्टिम कंपंसेशन स्कीम से 5 लाख, और अन्य मदों से सहायता दी जाएगी. पुलिस द्वारा मृतक के परिवार से लिए गए 2.5 लाख रुपये भी वापस दिलाए जाएंगे. अब तक कुल सहायता राशि 23.26 लाख रुपये हो गई है.
युवक के पिता ने केस दर्ज कराया
मृतक के पिता हनुमानाराम मीणा की रिपोर्ट पर डीएसपी जुल्फिकार अली, तत्कालीन सीआई गोपाललाल जांगिड़, हेड कांस्टेबल दिनेश गुर्जर, कांस्टेबल प्रमोद लाठर, भरत सिंह, सुनील मेघवाल और अन्य पर हत्या व एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है.
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