Rajasthan: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई. इस दौरान उदयपुर विधायक अमृतलाल मीणा ने प्रदेश में होमगार्ड्स को विराम भत्ता देने की कार्ययोजना का मुद्दा उठाया. उन्होंने बजट सत्र में होमगार्ड्स के रिक्त पदों के बारे में पूछा कि भर्ती और वेतन वृद्धि का सरकार के पास कोई प्रस्ताव लंबित है या नहीं? साथ ही कितने दिन या पूरे साल में उन्हें ड्यूटी दी जाती है. विधायक के जरिए पूछे गए सवाल पर मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी.
स्थाई भर्तियों के मामले हैं प्रक्रियाधीन- मंत्री बाबूलाल खराड़ी
होमगार्ड के रिक्त पदों पर स्थाई भर्तियों को लेकर मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि स्थाई भर्तियों के मामले प्रक्रियाधीन हैं. साथ ही ऐसे होमगार्ड जो अस्थाई स्वयंसेवकों की श्रेणी में आते हैं, उनके मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं. यानी कोर्ट से फैसला आने के बाद ही उनकी भर्तियां बहाल हो पाएंगी. फिलहाल वे अस्थाई पदों पर हैं, इसलिए उनकी भर्तियां वैध नहीं हैं.
दो साल बाद भजनलाल सरकार ने नियमनुसार फिर से शुरू किया था विराम भत्ता
इसके बाद कैबिनेट मंत्री खराड़ी ने विधायक मीणा के माध्यम से होमगार्ड के विराम भत्ते को लेकर भी सवाल पूछे. जिसको लेकर मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के समय होमगार्ड का विराभत्ता दिया जा रहा था. लेकिन 6 मई 2022 को इसे बंद कर दिया गया था. इसके बाद दो साल बाद भजनलाल सरकार ने 27 फरवरी को इसे फिर से शुरू किया है.
विराम भत्ता क्या होता है
इसे यात्रा भत्ता भी कहते हैं. इसके तहत किसी भी कर्मचारी को किसी खास जगह पर लगातार रहने के लिए 30 दिनों की अवधि के लिए दैनिक भत्ता देना वैध है. यह सिर्फ 30 दिनों तक ही जारी रह सकता है. अगर यह इससे ज्यादा है यानी इसकी अवधि 60 दिन या उससे ज्यादा है तो इसके लिए संबंधित प्रशासनिक विभाग की मंजूरी लेनी पड़ती है. इसके अलावा अगर इसकी अवधि 180 दिनों से ज्यादा है तो यह ठहराव भत्ता वैध नहीं है.
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