
Rajasthan News: इस साल 15 अगस्त को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. इस खास मौके को और भी खास बनाने के लिए, सरकार ने देशभर के उन 85 सरपंचों को दिल्ली के लाल किले पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में खास मेहमान के तौर पर बुलाया है, जिन्होंने अपने गांवों को विकास की नई राह पर ले जाकर एक मिसाल कायम की है. इन सरपंचों को यह सम्मान उनके गांव में साफ-सफाई, पीने के साफ पानी, महिला सशक्तिकरण और टिकाऊ शासन के लिए दिए गए उनके योगदान के लिए दिया जा रहा है. इस लिस्ट में राजस्थान के भरतपुर जिले की राराह ग्राम पंचायत की सरपंच कुसुम सिंह का नाम भी शामिल है.
नर्स से सरपंच बनीं
कुसुम सिंह का बैकग्राउंड एक नर्स का है. उन्होंने अपनी नर्सिंग की समझ और ज्ञान को ग्राम पंचायत के कामकाज में इस्तेमाल किया. उन्होंने सिर्फ पारंपरिक तरीकों से नहीं, बल्कि आधुनिक टेक्नोलॉजी को भी अपने गांव के विकास में शामिल किया. उनके प्रयासों से राराह गांव में स्वच्छता और पानी की समस्या काफी हद तक हल हो गई है. उनकी ग्राम पंचायत को सरकार की स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) के तहत ओडीएफ प्लस (ODF Plus) और जल जीवन मिशन (JJM) के तहत 'हर घर जल' गांव घोषित किया गया है. इसका मतलब है कि उनके गांव में हर घर में नल से साफ पानी पहुंच रहा है और गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुका है.
सरपंच कुसुम ने क्या कहा?
सरपंच कुसुम ने कहा, 'यह मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय, गौरवशाली और प्रेरणादायी क्षण है. यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि रारह की संपूर्ण जनता के सामूहिक प्रयास, अटूट विश्वास, निस्वार्थ सहयोग और विकास के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है. पिछले वर्षों में स्वच्छता, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और आधारभूत सुविधाओं के उन्नयन की दिशा में उठाए गए ठोस कदमों का यह सम्मान प्रत्यक्ष परिणाम है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि और विश्वास के लिए मैं हृदय की गहराइयों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, डीग-कुम्हेर के विधायक डॉ. शैलेश सिंह तथा भारत सरकार का हार्दिक धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करती हूं.'
देशभर से आएंगे खास मेहमान
इस कार्यक्रम में सिर्फ राजस्थान की कुसुम सिंह ही नहीं, बल्कि अलग-अलग राज्यों से कई और दमदार सरपंचों को भी बुलाया गया है. जैसे बिहार के समस्तीपुर की मोतीपुर ग्राम पंचायत की मुखिया प्रेमा देवी, जिन्होंने कचरे से ऊर्जा बनाने और पानी के प्रबंधन में कमाल का काम किया है. इसी तरह, गुजरात के सुल्तानपुर गांव के सरपंच शशिकांत भूपेंद्रभाई पटेल ने अपने गांव को प्लास्टिक मुक्त बनाने और कपड़े के थैले को बढ़ावा देने का शानदार काम किया है. उन्होंने तो दिव्यांगों के लिए ब्रेल साइनेज वाला सामुदायिक शौचालय भी बनवाया है, जो गुजरात में अपनी तरह का पहला है. महाराष्ट्र के कोल्हापुर में निगवे दुमाला ग्राम पंचायत की सरपंच दीपाली उत्तम चौगुले ने भी अपने गांव में कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण प्रणाली को लागू करके लगभग पूरी तरह से स्वच्छता हासिल कर ली है.
'हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता' अभियान
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, पेयजल और स्वच्छता विभाग, संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर 'हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता' अभियान भी चला रहा है. इस अभियान का मकसद राष्ट्रीय गौरव को स्वच्छता और पानी के लक्ष्यों से जोड़ना है, ताकि हर ग्रामीण परिवार इन दोनों चीजों का महत्व समझे.
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