
Rajasthan Police: जोधपुर कमिश्ररेट में हाल ही में माता का थाना थाने के चार पुलिसकर्मियों द्वारा दो व्यक्तियों का अपहरण कर थाने में वसूली करने का मामला सामने आया था. अब इससे भी कहीं आगे बढक़र ग्रामीण पुलिस ने नया कारनामा किया है. एक थाना अधिकारी और उसके सहयोगी ने राज्य के बाहर जेल में बंद तस्कर को जोधपुर जेल में लाने के लिए उस पर झूठा केस तक बना दिया. इस मामले में थानाधिकारी और सहायक एलसी दोनों को निलंबित कर दिया गया है.
जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने पूरे प्रकरण की जांच करवाकर शुक्रवार को खेड़ापा थानाधिकारी भंवरलाल सिरवी और उसके एलसी राकेश विश्नोई को निलंबित कर दिया है. जोशी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच भोपालगढ़ वृत्ताधिकारी द्वारा करवाई गई थी. जिसमें थानाधिकारी और कोर्ट एलसी दोषी पाए गए. दोनों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया और विभागीय करवाई की जा रही है.
एसपी ने बताया कि भोपालगढ़ थाना के नांदिया प्रभावती निवासी मादक पदार्थ तस्कर जोराराम विश्नोई हरियाणा के फतेहाबाद में ढाई क्विंटल अफीम डोडे के साथ पकड़ा गया था. वह हिसार जेल में बंद है. मादक पदार्थ की भारी मात्रा होने से उसे राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में खेड़ापा थाना क्षेत्र के एक सरपंच, जोराराम के भाई रामनिवास ने थाने के एलसी राकेश से कहा कि जोराराम को किसी मामले में आरोपी बना दो. जिससे वह हिसार से जोधपुर जेल आ सके.
एलसी ने थानाधिकारी को काम के लिए मनाया
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एलसी राकेश विश्नोई ने इसके लिए अपने थानाधिकारी भंवरलाल से बात की, वह इसके लिए तैयार हो गया. एक पुराना देसी कट्टा बरामद कर एक व्यक्ति को आरोपी बनाया और उससे पूछताछ में हिसार जेल में बंद जोराराम का नाम भी कहलवाया. थाने के अन्य स्टाफ ने इसको लेकर नाराजगी जताई.
भोपालगढ़ वृत्ताधिकारी ने जांच कर दी एसपी को रिपोर्ट
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 12 जुलाई को खेड़ापा में हथियार बरामद का मामला दर्ज हुआ था. इससे पहले खेड़ापा थाने में जब यह प्रक्रिया हो रही थी, तब इसकी जानकारी भोपालगढ़ वृताधिकारी भूराराम खिलेरी को मिली. उन्होंने जिला मुख्यालय को बताया. तब तक थानाधिकारी ने आरोपी को जेल भिजवा दिया. इसके बाद जांच का जिम्मा भोपालगढ़ वृताधिकारी को दिया गया.
जेल से वापस लाकर की पूछताछ में खुला राज
वृताधिकारी ने आरोपी विष्णु विश्नोई को जेल से वापस लाकर पूछताछ की. जिसमें उसने कबूला कि पुराना देसी कट्टा जोराराम के भाई रामनिवास ने ही उपलब्ध करवाया था. उसने बताया कि एलसी राकेश के कहने पर उसने जोराराम का नाम बताया था. पूरे मामले की पड़ताल में संदिज्ध लेन देन की भी आशंका जताई जाती है, हालांकि इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है. जोराराम विश्नोई के भाई रामनिवास को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
यह भी पढ़ेंः Rajasthan Police: SI से इंस्पेक्टर में प्रमोशन का बड़ा अवसर, चयन बोर्ड का गठन... 1 अगस्त तक करें आवेदन