
Rajasthan News: राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव 82 आरबी में बिजली लाइन को लेकर चल रहा विवाद गुरुवार को और गहरा हो गया. जिसमें नाराज ग्रामीणों ने लूणेवाला जीएसएस से जुड़ी मुख्य बिजली लाइन को खेतों में जाकर बंद कर दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने मौके पर पहुंचे विद्युत विभाग के सहायक अभियंता अनिरुद्ध पाल और कनिष्ठ अभियंता हरनेक सिंह को करीब एक घंटे तक खेतों की तपती धूप में बंधक बनाकर भी रखा.
जानें क्या है विवाद की जड़
जानकारी के अनुसार, 82 आरबी के ग्रामीण लंबे समय से बिजली लाइन की समस्या से परेशान हैं. उनकी मांग है कि गांव के लिए सीधी और छोटी लाइन बिछाई जाए. वर्तमान लाइन की लंबाई 15 किलोमीटर से ज्यादा है, जिसके कारण बार-बार फॉल्ट होने से बिजली आपूर्ति बाधित रहती है.
फॉल्ट ठीक करने में कई दिन लग जाते हैं, जिससे खेती और घरेलू काम प्रभावित होते हैं. ग्रामीण चाहते हैं कि लूणेवाला जीएसएस से 3 किलोमीटर की दूरी पर सीधी लाइन जोड़ी जाए.
पिछले साल का समझौता अधूरा
जुलाई 2024 में ग्रामीणों ने मिनी सचिवालय के सामने धरना दिया था. तब उपखंड अधिकारी की मौजूदगी में विद्युत निगम ने लिखित वादा किया था कि लाइन को लिखमेंवाला से एक मुरब्बा पहले मोड़ा जाएगा. लेकिन एक साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे गुस्साए ग्रामीणों ने पांच दिन पहले प्रशासन को चेतावनी दी थी कि वे बिजली सप्लाई ठप कर देंगे.
ग्रामीणों का गुस्सा, प्रशासन की चुप्पी
सरपंच पति राधेश्याम मारवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह आंदोलन शुरू किया. उन्होंने लोहे की सांकल लगाकर एक दर्जन गांवों की बिजली सप्लाई बंद कर दी.
सूचना के बावजूद कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. ग्रामीणों का कहना है, “हमारे खेतों से लाइन नहीं जा सकती, तो दूसरों के खेतों से क्यों?”
समझाइश के लिए पहुंचे थे अधिकारी
सहायक अभियंता अनिरुद्ध पाल ने बताया कि वे समझाइश के लिए पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा इतना था कि उन्हें एक घंटे तक रोका गया. ग्रामीण अब सीधे समाधान की मांग कर रहे हैं और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं. फिलहाल ग्रामीण धरने पर डटे हैं और बिजली सप्लाई बंद है. प्रशासन और विद्युत निगम की चुप्पी से मामला और उलझता जा रहा है.