
Rajasthan Ved Ganga Campaign: राजस्थान में भू-जल स्तर के तेजी से घटने के साथ ही जलवायु परिवर्तन ने जल संकट की समस्या को और जटिल बना दिया है. इस पानी की कमी को दूर करने के लिए जल संरक्षण अतिआवश्यक है, जिसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेशभर में वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान की महत्वपूर्ण पहल की है. विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा पर यह अभियान शुरू हुआ है. लेकिन अब इसके नाम पर बहस हो रही है.
डीडवाना से विधायक और पूर्व मंत्री यूनुस खान ने योजना के नाम में व्याकरण की ग़लती बताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखा है. उन्होंने इस 'त्रुटि' को सुधारने की बात कही है.
यूनुस खान ने अपने पत्र में लिखा ?
यूनुस खान ने CM को लिखे पत्र में कहा, ''राजस्थान सरकार द्वारा आरंभ की गई जल संरक्षण योजना 'वन्दे गंगा' निस्संदेह एक सराहनीय पहल है किंतु इसके नाम में प्रयुक्त संस्कृत शब्द संयोजन व्याकरण की दृष्टि से अशुद्ध है, जो एक महत्वपूर्ण भाषायी त्रुटि की ओर संकेत करता है.
योजना का नाम 'वन्दे गंगाम्' होना चाहिये -खान
उन्होंने आगे लिखा, ''संस्कृत व्याकरण में पाणिनीय सूत्र 'कर्तुरीप्सिततमं कर्म' के अनुसार कर्म होने पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग अनिवार्य होता है. उदाहरणस्वरूप 'वन्दे मातरम्' में 'मातरम्' द्वितीया विभक्ति का प्रयोग है. इसी प्रकार, 'वन्दे गंगा' में 'गंगा' के स्थान पर 'गंगाम्' शब्द का प्रयोग ही शुद्ध है. अतः उक्त योजना का नाम 'वन्दे गंगाम्' होना व्याकरण-सम्मत है.''
''संस्कृत भाषा की शुद्धता और गरिमा सुरक्षित हो''
यूनुस खान ने कहा, ''यह अधिक चिंता का विषय है कि यह त्रुटि उस राजस्थान प्रदेश में हुई है, जहाँ संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत शिक्षा विभाग और संस्कृत अकादमी जैसी संस्थाएं कार्यरत हैं. इन संस्थाओं की उपस्थिति के बावजूद सरकारी योजनाओं के नामकरण में ऐसी त्रुटि होना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, अपितु प्रदेश की विद्वत्-परंपरा के प्रतिकूल भी है.
निवेदन है कि उक्त योजना के नाम को शुद्ध करते हुए 'वन्दे गंगा' के स्थान पर 'वन्दे गंगाम्' किया जाए, जिससे संस्कृत भाषा की शुद्धता और गरिमा सुरक्षित हो तथा सरकार की भाषायी अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता भी परिलक्षित हो सके.''
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