Rajasthan Education Status: केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक सभी शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा करते हैं. लेकिन जमीन पर स्थिति बिल्कुल अलग है. जनजाति जिले बांसवाड़ा सहित प्रदेश के 20 जिलें ऐसे हैं जिनके कुल 200 गांवों में जनजातीय परिवारों के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा का अभाव है. इसका खुलासा बीते दिनों जनजातीय परिवारों के बच्चों को सहज शिक्षा मुहैया कराए वाले अंत्योदय मिशन के तहत भारत सरकार द्धारा कराए गए सर्वे में हुआ है. अब इन परिवारों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा नए छात्रावास खोले जाएंगे.
13-15 मई तक चयनित गांवों का होगा सर्वे
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी के निर्देशानुसार गठित टीम 3 दिन 13 से 15 मई 2024 तक चयनित गांवों का सर्वे करेगी. प्रत्येक चनयति गांवों में परियोजना निदेशक द्धारा गठित टीम पहुंचेगी, जो 3 दिन में मौका स्थिति कि सत्यापन रिपोर्ट तैयार करेगी. इसे लेकर विभिन्न जिलों में उपनिदेशक परिषद् कार्यालय, सहायक निदेशक परिषद् कार्यालय, एडीपीसी या पीओ जिला कार्यालय, जेईएन जिला कार्यालय, सबधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को टीम में शामिल किया गया है.
इन जिलों में सर्वे के लिए 2-2 टीम का गठन
बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर जिलों में सर्वे के लिए दो-दो टीम का गठन किया गया है. शेष जिलों में एक-एक टीम का गठन किया गया है. 20 जिलों के 200 गांवो में होने वाले सर्वे में सर्वाधिक बांसवाड़ा जिले के घाटोल, बासंवाड़ा, तलवाड़ा, गढ़ी, सज्जनगढ़, कुशलगढ़, छोटीसरवन ब्लॉक के 57 गांवों एवं डूंगरपुर जिले के चिकली, दोबड़ा, सागवाड़ा, बिछावाड़ा ब्लॉक के 51 गांवों में सर्वे होगा.
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