Rajasthan Weather: राजस्थान में पारा जबरदस्त गिरने के साथ ही प्रदेश कोहरे की चादर में लिपट गया है. अजमेर में विजिबिलिटी लगभग जीरो है. जबकि राजसमंद (Rajsamand) शहर में भी शीत लहर-कोहरे के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है. इस वजह से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही भी कम हुई है. बीते 30 दिसंबर को दिनभर बाजार में सन्नाटा छाया रहा. मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक इसी तरह के हालात रहने की संभावना है. वहीं हल्की बारिश की भी चेतावनी दी गई है. प्रतापगढ़ में भी शीतलहर (Cold Wave) के प्रकोप से लोग घरों में दुबकने को मजबूर है. नेशनल हाईवे-56 पर चल रहे वाहनों की रफ्तार की भी धीमी हो गई है. कोहरे के चलते विजिबलिटी इतनी कम है कि सुबह 8 बजे के वक्त भी वाहन चालकों को हेडलाइट का सहारा लेना पड़ा है.
मावठ की बूंदों ने बरसाई राहत
प्रदेश के अधिकतर इलाकों में पिछले दिनों बरसात भी हुई, जिससे मौसम में भारी बदलाव नजर आ रहा है. झुंझुनू में सीजन की मावठ होने के बाद किसानों के चेहरे खिले खिले हुए नजर आ रहे हैं. किसानों ने बताया कि बारिश से फसलों में यूरिया की पूर्ति हो गई है. सीकर जिले में पिछले दिनों से न्यूनतम तापमान में गिरावट बनी हुई है. फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र के अनुसार आज (31 दिसंबर) का न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री है. आगामी कुछ दिनों तक जिले में कोहरा व सर्दी बढ़ने की संभावना बनी हुई है.
पश्चिम विक्षोभ की वजह से बदला मिजाज, लोगों को हुई परेशानी
पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पूर्व राजस्थान के धौलपुर जिले में भी पिछले 7 दिन से ही मौसम का मिजाज खराब चल रहा है. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है. साथ ही उनकी दिनचर्या पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. हालांकि रबी की कुछ फसलों को इससे नुकसान भी हो रहा है. क्योंकि सरसों और आलू व मटर फसल में मौसम का मिजाज विपरीत माना जा रहा है. गेहूं और चना फसल के लिए मौसम फायदेमंद है.
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