Weather today in Rajasthan: राजस्थान के कुछ इलाकों में अब धीरे-धीरे कड़ाके की सर्दी का असर दिखने लगा है. प्रदेश के कई शहरों में पिछले एक सप्ताह में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है. मौसम विभाग ने बताया कि इस हफ्ते प्रदेश के ठंडे माने जाने वाले शहरों का तापमान 7 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. बाद में दूसरे और तीसरे सप्ताह में इसमें 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी. इसके बाद दिसंबर के चौथे सप्ताह में कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है.
सीकर और चूरू रहे सबसे ठंडे
बीते 24 घंटे में प्रदेश के तापमान की बात करें तो हिल स्टेशन माउंट आबू सबसे ठंडा रहा.यहां न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री दर्ज किया गया. जैसलमेर प्रदेश का सबसे गर्म इलाका रहा. यहां अधिकतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस रहा. शहरों में सबसे ठंडे इलाके सीकर और चूरू रहे, जहां न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री और 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) December 2, 2024
अन्य इलाकों में अधिकतम तापमान का हाल
राज्य के अन्य इलाकों में अधिकतम तापमान इस प्रकार रहा: जालौर में 29.8 डिग्री सेल्सियस, अजमेर में 26.4 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 25 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 27.5 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 27.4, धौलपुर में 28.1 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 27.3 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 30.5 डिग्री सेल्सियस और जैसलमेर में 30.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मंगलावर को कैसा रहेगा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ गया है. जिसके चलते राजस्थान में अब तेज हवाएं चलेंगी. इन हवाओं के चलते प्रदेश में तापमान में गिरावट आ सकती है और कड़ाके की ठंड शुरू हो सकती है. इसके असर से मंगलवार सुबह प्रदेश में तापमान में हल्की ठंडक महसूस की गई. लेकिन दिन के तापमान में कमी आने की संभावना नहीं है. रात के तापमान में हल्की गिरावट के साथ ठंड का एहसास होगा.
दिसंबर से फरवरी 2025 तक कैसा रहेगा तापमान
मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि आगामी सर्दियों के मौसम (दिसंबर 2024 से फरवरी 2025) के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है. पूर्वानुमान के अनुसार, सर्दियों के मौसम में सामान्य पांच से छह दिनों की तुलना में कम शीत लहर वाले दिन होने की उम्मीद है. आईएमडी के अनुसार, शीत लहर तब मानी जाती है जब न्यूनतम तापमान (टी-मिन) दैनिक जलवायु मूल्य के 10वें प्रतिशत से कम हो और जलवायु दैनिक टी-मिन 15 डिग्री सेल्सियस से कम हो. शीत लहर की घटना के रूप में इसे योग्य बनाने के लिए इन स्थितियों को लगातार तीन दिनों तक देखा जाना चाहिए.
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