
Rajasthan Weather Today: दीपावली के ठीक बाद, यानी गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर राजस्थान का मौसम एक खुशनुमा बदलाव की ओर इशारा कर रहा है. उत्तर भारत की ओर से आ रही सर्द हवाओं के कारण राज्य में अब ‘गुलाबी ठंड' का अहसास होने लगा है. हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश की संभावना न के बराबर है, जिससे गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर) पर मौसम शुष्क और साफ रहेगा. लेकिन, इस मौसम की खूबसूरती को राज्य के कई शहरों की 'बेहद खराब' होती वायु गुणवत्ता (AQI) फीका कर रही है.
राजस्थान के किस शहर में कितना तापमान
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, राजस्थान में दिन का अधिकतम तापमान अब भी 30° सेल्सियस से 32° सेल्सियस के बीच बना हुआ है, लेकिन सुबह और रात के न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आ रही है. सीकर, नागौर और जयपुर जैसे शहरों में न्यूनतम तापमान 15° से 19° सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है, जो हल्की ठंड (गुलाबी ठंड) की शुरुआत का संकेत है. विशेषज्ञों का मानना है कि दीवाली के बाद उत्तर भारत से आने वाली ठंडी हवाएं तापमान में और गिरावट लाएंगी, जिससे नवंबर मध्य से पहले ही अच्छी खासी ठंड का दौर शुरू हो सकता है. फिलहाल, कहीं भी बारिश का कोई अलर्ट नहीं है.
सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में भिवाड़ी 8वें नंबर पर
ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण (Air Pollution) एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है. AQI इंडेक्स के आंकड़े गंभीर स्थिति बता रहे हैं, खासकर दिवाली के बाद पराली जलाने और वाहनों के धुएं के कारण हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार सवेरे भिवाड़ी देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में 8वें नंबर है. वहां का AQI 332 पर पहुंच गया है, जो बहुत खराब कैटेगरी में आता है. इस AQI लेवल की हवा में ज्यादा देर तक रहने से लोगों को सांस से संबंधित तकलीफ हो सकती है.
श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा और फिर जयपुर
वहीं, 296 AQI लेवल के साथ श्रीगंगानगर लिस्ट में 18वें नंबर पर है. इसके बाद 26वें नंबर पर हनुमानगढ़ है, जहां AQI लेवल 283 रिकॉर्ड किया गया है. 30वें नंबर पर भीलवाड़ा है, जहां AQI 271 है. 33वें नंबर पर 257 AQI लेवल के साथ जयपुर है. इन सभी शहरों में फेफड़ों और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है.
बचाव कैसे करें?
AQI के ये आंकड़े एक गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा कर रहे हैं. नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सुबह और शाम के समय अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और श्वास रोगी. प्रदूषण से निपटने के लिए मास्क का उपयोग करें और स्थानीय प्रशासन से प्रदूषण नियंत्रण के लिए तत्काल और सख्त कदम उठाने की मांग करें.
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