Rajsamand News: राजसमंद जिले के प्रसिद्ध मंदिर श्रीनाथजी (Shrinathji Temple) की हवेली में स्नान यात्रा निकाली गई. इस अवसर पर ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में श्रीजी को यमुना के जल में स्नान कराया गया. इस जल में केसर, चंदन, गुलाब जल, सुगंधित पुष्प बारस और तुलसी के पत्ते मिलाकर महा ज्येष्ठा अभिषेक स्नान कराया गया. इस अवसर पर ब्राह्मणों के जरिए वैदिक परंपरा से पुरुष सूक्त का पाठ किया गया. इसके बाद श्रीजी का अलौकिक श्रृंगार कर सवा लाख आमों का भोग 'आरोगाया' लगाया गया.
सवा लाख आम का लगता है भोग 'आरोगाया'
इस अवसर पर श्री विशाल बावा ने बताया कि पुष्टिमार्ग के राजाधिराज होने के कारण उन्हें शीतल जल से स्नान कराया जाता है. इसका सबसे बड़ा महत्व है किजब गोपिया जल क्रीड़ा के भाव से श्रीजी प्रभु को जल का छिड़काव कर स्नान करा ती है और यही जल क्रीड़ा के भाव से श्रीजी प्रभु में भी श्री जी का ज्येष्ठाभिषेक स्नान तिलकायत श्री शंख से छिड़काव करके ही कराते है जो समस्त पुष्टि सृष्टि को शीतल आनंद प्रदान करता है! साथ ही इस महीने में आम का भाग लगाने के बारे में भी उन्हें बताया कि ऋतु फल होने के कारण आम का सवा लाख लगाया जाता है. जिससे लोग आरोग रहे. बता दें किआम का सवा लगे भोग को श्री नाथ जी की हवेली के सभी द्वारों पर आने वाले भक्तों को वितरित किया जाता हैं.
Join us for the auspicious Snan Yatra at the Nathdwara Temple, dedicated to our beloved Shrinathji. It's a beautiful opportunity to come together in devotion, participate in the holy rituals, and seek blessings. Let us celebrate this spiritual occasion with love and reverence. pic.twitter.com/vEXK1YMD8w
— Shrinathji Temple (@nathdwaratemple) June 20, 2024
श्रीजी को कराया गया ज्येष्ठाभिषेक स्नान
इस अवसर पर श्री विशाल बावा ने बताया कि पुष्टि मार्ग के राजा होने के कारण उन्हें ठंडे जल से स्नान कराया जाता है. इसका सबसे बड़ा महत्व यह है कि जब गोपियां स्नान के लिए श्रीजी प्रभु पर जल छिड़कती हैं और उसी जल क्रीड़ा की भावना के साथ उन पर तिलकायत श्री शंख छिड़क कर श्रीजी का ज्येष्ठाभिषेक स्नान भी किया जाता है, जो संपूर्ण पुष्टि सृष्टि को शीतल आनंद प्रदान करता है. साथ ही उन्होंने इस महीने में आम का भोग लगाने के बारे में भी बताया कि मौसमी फल होने के कारण सवा लाख आम का भोग लगाया जाता हैं. जिससे लोग निरोगी रहें. इसके बाद इन्हीं भोग लगे आमों को श्री नाथ जी की हवेली के सभी द्वारों पर आने वाले भक्तों को बांटा जाता हैं.
क्या हैं मान्यता
मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने ज्येष्ठ माह में ही अपने भक्तों के साथ बृज में जल विहार किया था। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर उन्होंने यमुनाजी में स्नान किया था. उस दौरान श्री यमुनाजी के चरणों की स्तुति और जलविहार मनोरथ किया गया था. उद्यापन के रूप में भगवान को सवा लाख आम चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण हुई थी। इसी भावना के साथ हर वर्ष यह मनोकामना पूरी की जाती है.
ये रहें मौजूद
श्रीजी प्रभु के स्नान यात्रा के अवसर पर श्रीनाथजी मंदिर के अधिकारी सुधाकर उपाध्याय, मुख्य प्रशासक भारत भूषण व्यास,सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य, जमादार हर्ष सनाढ्य, कैलाश पालीवाल सहित कई भक्त भी मौजूद रहें.
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