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Rajasthan: रणथंभौर में दो टाइगरों के बीच हुई जबरदस्त लड़ाई, पर्यटकों ने कैमरे में कैद किया खौफनाक मंजर

Ranthambore Tiger Fight: रणथंभौर में वर्तमान में 80 से अधिक बाघ, बाघिन और शावक हैं, जिसके चलते बाघों के बीच इलाके को लेकर कई मर्तबा आपसी टकराव देखने को मिलता है.

Rajasthan: रणथंभौर में दो टाइगरों के बीच हुई जबरदस्त लड़ाई, पर्यटकों ने कैमरे में कैद किया खौफनाक मंजर
Tiger Video Fighting: रणथंभौर में दो टाइगर के बीच आपसी संघर्ष का वीडियो वायरल हो रहा है.

Rajasthan News: रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते कई टाइगर अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसा ही एक वाकिया हाल ही में रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नंबर दो में देखने को मिला, जहां बाघिन नूरी और बाघिन एरोहेड की बेटी के बीच जबरदस्त लड़ाई हो गई. दोनों में जमकर संघर्ष हुआ, जिसमें बाघिन नूरी शायद एरोहेड की बेटी को मार भी सकती थी. लेकिन तभी टाइगर टी 120 ने आकर एरोहेड की बेटी को बचा लिया.

वायरल हुआ वीडियो

यह नजारा कई पर्यटकों ने अपने कैमरे में कैद किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. 16 मई की शाम रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नंबर 2 के अमराई वन क्षेत्र में यह घटना घटी. जहां उप वयस्क एरोहेड की बेटी का अस्तित्व अन्य टाइगर के सामने खतरे में नजर आ रहा है.

रणथंभौर में 80 से ज्यादा बाघ-बाघिन

रणथंभौर में वर्तमान में 80 से अधिक बाघ, बाघिन और शावक हैं, जिसके चलते बाघों के बीच इलाके को लेकर कई मर्तबा आपसी टकराव देखने को मिलता है. आपसी टकराव में कई बार कमजोर टाइगर की मौत भी हो जाती है. जानकारों की माने तो रणथंभौर में वर्तमान में करीब 26 से 30 के बीच शावकों की संख्या है, जिनमें कई शावक जवानी की दहलीज पर कदम रख चुके हैं.

युवा टाइगर को चाहिए अपना इलाका

युवा होते शावकों को अब अपने लिए अलग इलाके की तलाश रहती है, जिसके चलते जब कोई युवा टाइगर अपना नया इलाका बनाता है, तो पहले से उस इलाके में रहने वाले टाइगर से उसका टकराव हो जाता है. आपसी टकराव में ताकतवर टाइगर जीतता है और कमजोर को अपना इलाका छोड़कर भागना पड़ता है.

बढ़ती मानवीय गतिविधियां और सिकुड़ता जंगल

रणथंभौर में बढ़ती बाघों की संख्या और पार्क में बढ़ती मानवीय गतिविधियां तथा सिकुड़ता जंगल भी बाघों के बीच होने वाले आपसी संघर्ष के लिए एक बड़ा कारण है, जिसे रोक पाना वन विभाग के लिए भी कड़ी चुनौती है. वन विभाग को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि बाघों के बीच होने वाले आपसी संघर्ष को रोका जा सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

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