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राजस्थान में मौजूद है ऐसे खनिजों के भंडार, जिसके लिए दुनियाभर में मची है हौड़

Rajasthan News: राजस्थान में रेयर अर्थ एलिमेंट, लिथियम, टंगस्टन, नायोबियम, टिन, जिरकोनियम समेत कई खनिज मौजूद हैं. इसके अलावा रुबिडियम, ग्रेफाइट एवं फास्फोराइट आदि प्रमुख क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के डिपोजिट्स भी अच्छी मात्रा में है.

राजस्थान में मौजूद है ऐसे खनिजों के भंडार, जिसके लिए दुनियाभर में मची है हौड़
Rare earth minerals

Rare earth minerals in Rajasthan: खनन के क्षेत्र में राजस्थान लगातार तरक्की कर रहा है. माइनिंग सेक्टर में राजस्थान देशभर में दूसरे स्थान पर है. मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में भी दूसरे पायदान पर पहुंच गया है. राजस्थान में रेयर अर्थ एलिमेंट, लिथियम, टंगस्टन, नायोबियम, टिन, जिरकोनियम, रुबिडियम, ग्रेफाइट एवं फास्फोराइट आदि प्रमुख क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के डिपोजिट्स अच्छी मात्रा में है. केंद्र सरकार ने ई-नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. प्रदेश के बाड़मेर के सिवाणा रिंग, जालौर व नागौर में दुर्लभ व आज के समय में महत्वपूर्ण रेयर अर्थ एलमेंट (REE) के भण्डार मिले हैं. हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर बेल्ट में पोटाश और नागौर में टंगस्टन के भण्डार हैं. 

राज्य को मिला 17,000 करोड़ से ज्यादा का राजस्व 

प्रदेश से मेजर मिनरल के 112 ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है. इनमें से 73 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी वर्तमान सरकार के दो साल के कार्यकाल में हुई है. इसी तरह से 1209 माइनर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में भी नया रिकॉर्ड बनाया गया है. भजनलाल सरकार के 2 साल के कार्यकाल में माइनिंग सेक्टर से रिकॉर्ड 17 हजार 778 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित हुआ है. खनिज ब्लॉकों की नीलामी के प्री-एम्बेडेड 8 ब्लॉकों की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही राजस्थान अग्रणी प्रदेश बन गया है. 

माइनिंग सेक्टर में AI मशीन लर्निंग पर जोर

अब राजस्थान माइनिंग सेक्टर में खनिज खोज में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग (AIML) के उपयोग पर फोकस कर रहा है. साथ ही खनिज डम्प्स और टेलिंग्स में स्ट्रेटेजिक व क्रिटिकल मिनरल्स की खोज की दिशा में नवाचार करने जा रहा है. भजनलाल सरकार ने कार्यकाल के पहले साल में ही निवेशोन्मुखी सरलीकृत राजस्थान खनिज नीति-2024, राजस्थान एम.सेण्ड नीति-2024 और राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति-2025 जारी की थी. राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना रिप्स में सहायता प्रावधान भी किए गए हैं. 

प्रदेश की जीडीपी को भी मिलेगा बूस्टर

नई खनिज नीति के क्रियान्वयन से प्रदेश की जीडीपी में वर्तमान 3.4 प्रतिशत की भागीदारी को 2029-30 तक 5 प्रतिशत और 2046-47 तक 6-8 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है. खनिज क्षेत्र से सालाना राजस्व को एक लाख करोड़ करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया गया है. इसी तरह से खनिज क्षेत्र में करीब 35 लाख लोगों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर एक करोड़ तक करना है.   

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