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रतन टाटा की वसीयत से परिवार-दोस्त ही नहीं पालतू कुत्ता भी हुआ मालामाल, जानें अकूत संपत्ति में किसे क्या मिला

रतन टाटा ने 3800 करोड़ परोपकार के लिए दान कर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके दान की विरासत उनके जीवनकाल से आगे भी जारी रहे.

रतन टाटा की वसीयत से परिवार-दोस्त ही नहीं पालतू कुत्ता भी हुआ मालामाल, जानें अकूत संपत्ति में किसे क्या मिला

Ratan Tata will Revealed: भारत ही नहीं दुनिया भर में मशहूर बिजनेसमैन और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के संपत्ति (Ratan Tata Net Worth) की वसीयत का खुलासा किया गया है. रतन टाटा की मृत्यु 9 अक्तूबर 2024 को 86 साल की उम्र में हुई थी. रतन टाटा ने निधन से पहले अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान देने का फैसला किया था. वहीं अब खुलासा हुआ है कि रतन टाटा ने अपनी संपत्ति में से करीब 3800 करोड़ रुपये परोपकार के लिए दान कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि रतन टाटा ने 23 फरवरी 2022 को एक वसीयत बनाई थी, जिसमें उन्होंने परिवार, करीबी दोस्तों और परोपकारी संस्थाओं के बीच संपत्ति के वितरण का विवरण दिया था.

रतन टाटा ने 3800 करोड़ परोपकार के लिए दान कर दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके दान की विरासत उनके जीवनकाल से आगे भी जारी रहे. रतन टाटा की संपत्ति का बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट (RTET) को दिया गया है. इसमें टाटा संस के शेयर भी शामिल हैं.

किसे मिली कितनी संपत्ति

रतन टाटा ने अपनी संपत्ति में से टाटा की सचिव दिलनाज़ गिल्डर को 10 लाख रुपये, घरेलू सहायकों राजन शॉ और उसके परिवार को 50 लाख रुपये, और ड्राइवर सुब्बैया कोनार को 50 लाख रुपये दिये गए हैं. लाभार्थियों में टाटा की पूर्व टाटा समूह की सहयोगी मोहिनी एम दत्ता को उनकी वित्तीय संपत्तियों का एक तिहाई हिस्सा करीब 800 करोड़ दिया जाएगा. उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीनना जीजीभॉय को इन संपत्तियों का बराबर हिस्सा मिलेगा. उनके जुहू बंगले को उनके भाई जिमी टाटा जो परिवार के एकमात्र जीवित उत्तराधिकारी हैं, और सिमोन टाटा और नोएल टाटा सहित अन्य रिश्तेदारों के बीच विभाजित किया गया है. 

रतन टाटा अलीबाग की संपत्ति उनके करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को दे दी गई है, जिन्हें टाटा ने "इस संपत्ति को संभव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने" का श्रेय दिया.

रतन टाटा की वसीयत में एक खास शर्त दी गई है, जिसे "नो-कंटेस्ट क्लॉज" कहा जा रहा है. इसके तहत, यदि कोई लाभार्थी उनकी वसीयत को चुनौती देता है, तो उसे वसीयत से मिलने वाले सभी अधिकार और लाभ खोने होंगे. यह शर्त टाटा संस के शेयरों की बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए भी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी संपत्ति उनके निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही उपयोग हो.

पालतू जानवरों की देखभाल के लिए 12 लाख और ऋण माफ करना

रतन टाटा का जानवरों के प्रति प्रेम भी उनकी वसीयत में शामिल है. अपने प्यारे पालतू जानवरों की देखभाल के लिए 12 लाख रुपये की राशि अलग रखी गई है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें हर तिमाही में उनके रखरखाव के लिए 30,000 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा, टाटा ने अपने कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू को दिए गए शिक्षा ऋण और पड़ोसी जेक मालिटे को दिए गए ब्याज-मुक्त ऋण को भी माफ करने की बात कही गई है.

रतन टाटा की 40 करोड़ की विदेशी संपत्ति और लग्जरी घड़ियां

रतन टाटा की विदेशी संपत्ति, जिसकी कीमत करीब 40 करोड़ है, जिसमें सेशेल्स में ज़मीन के टुकड़े, एल्कोआ कॉर्प और हाउमेट एयरोस्पेस जैसी कंपनियों में निवेश और वेल्स फ़ार्गो और मॉर्गन स्टेनली के साथ बैंक खाते शामिल हैं. उनकी वसीयत में चांदी के सामान और चुनिंदा आभूषणों के अलावा बुलगारी, पाटेक फिलिप, टिसोट और ऑडेमर्स पिगुएट जैसे ब्रांडों की 65 लग्जरी घड़ियां भी सूचीबद्ध हैं.

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