Rajasthan Budget 2024: राज्सथान की भजनलाल सरकार ने अपना पहला बजट बुधवार को पेश किया है. सरकार की ओर से वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट सदन में पेश किया. इस बजट में वित्त मंत्री ने बाड़मेर जिले को लेकर कई घोषणाएं की है. सरकार ने सिविल एयरपोर्ट के लिए निशुल्क जमीन, गुड़ामालनी में पॉलिटेक्निक कॉलेज, बाड़मेर जिला मुख्यालय पर खेल एकेडमी स्थापित करने की घोषणा की गई. वॉकल फोर लोकल के तहत बाड़मेर की ब्लॉक प्रिंटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट हब बनाने की घोषणा की गई. बाड़मेर जिले के चौहटन और गुड़ामालानी कस्बों ग्राम पंचायत से नगर पालिका बनाया जायेगा. हालांकि बाड़मेर जिला सरकार से गुजरात से कैनाल के माध्यम से बाखासर में सुखा बंदरगाह, डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में विकास कार्यों में छूट, सीमावर्ती इलाकों में वाघा बार्डर की तर्ज पर पर्यटन को बढ़ावे की उम्मीद थी. लेकिन यह आस इस बार भी पूरी नहीं हो पाई है.
इसके अलावा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रदेश में सबसे चर्चित सीट रही शिव और बाड़मेर विधानसभा के लिए कोई घोषणा नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों ही विधानसभाओं से भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े रविंद्र सिंह भाटी और प्रियंका चौधरी विधायक हैं. वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की योजना को भी तरजीह नहीं दी गई.
गुड़ामलानी को नया पॉलिटेक्निक कॉलेज
प्रदेश सरकार ने बाड़मेर में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गुड़ामालानी में नवीन पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की घोषणा की है. इसके साथ ही बाड़मेर सहित हर जिले में खेल एकेडमी बनेगी. हर जिले में स्पोर्ट्स कॉलेज खुलेंगे और ग्रामीण इलाकों में खेल को बढ़ावा देने के लिए जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम खोलने की घोषणा की गई. ग्रामीण इलाकों में पेयजल स्थानीय स्तर पर हर विधानसभा क्षेत्रों में 20-20 हैंडपंपऔर 10-10 ट्यूबवेल के निर्माण की घोषणा की गई है. इसके अलावा बिजली के बाड़मेर जिले में एक आदर्श सोलर ग्राम बनाया जाएगा. इसमें दो मेगावाट तक के सोलर पावर प्लांट स्थापित की जाएगा और 40% अनुदान दिया जाएगा. प्रदेश सरकार ने नशा मुक्ति के अहम कदम उठाते बाड़मेर में 10 बेड का नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की. सड़कों के लिए सरकार ने हर विधानसभा में 5 करोड़ की लागत से सड़क और 3 करोड़ के अन्य आधारभूत कार्यों की स्वीकृति की जारी करने की घोषणा की है. प्रदेश सरकार ने राजस्थान के राज्य पशु के बड़ा कदम उठाते हुए रेगिस्तान के जहाज ऊंट को संरक्षण देने के लिए ऊंट पालकों को अनुदान 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार किया गया.
वसुंधरा की योजना की अनदेखी
तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे की सरकार ने बाड़मेर सांचोर जिले को गुजरात के समुद्री रास्ते कैनाल से जोड़ने की योजना बनाई गई थी. जिसके बाद स्थानीय लोगों जिले में कोयला, जिप्सम, क्रूड के अथाह भंडार के चलते व्यापारिक रूप से विकास को उम्मीद जगी थी. इसको लेकर योजना भी बन चुकी थी यदि ये योजना शुरू हो जाती तो देश का पहला ड्राई पोर्ट बाड़मेर में बनता. लेकिन वो महज सपना ही बन कर रह गया और इस बार के बजट में जिले वासियों को उसमे निराशा ही हाथ लगी है.
बाड़मेर के संभाग बनाने की उम्मीदों पर फिरा पानी
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने अपने अंतिम बजट में प्रदेश नए जिले बनाने के साथ नए संभाग बनाए थे. स्थानीय लोगों के साथ भाजपा नेताओं ने भी बाड़मेर को संभाग बनाने की मांग को लेकर साथ विरोध भी दर्ज करवाया. पूर्व सरकार ने बाड़मेर को संभाग नहीं बनाया इसके बाद भाजपा की सरकार बनने के बाद उम्मीद जगी थी. लेकिन इस बार भी निराशा ही हाथ लगी है.
वाघा अटारी बार्डर की तर्ज पर मुनाबाव में पर्यटन का काम भी अटका
बाड़मेर को इस बजट में सबसे बड़ी मांग और उम्मीद अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर वाघा अटारी बार्डर की तर्ज पर पर्यटन विकसित करने के लिए मुनाबाव बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी करने सहित कई गतिविधियां के माध्यम से पुरानी धरोहर जैसे किराडू जूना साथ रोहिड़ी के मखमले धोरों को पर्यटन से जोड़कर पर्यटन विकसित करने के बड़ी उम्मीद थी लेकिन इसमें भी प्रदेश सरकार ने कोई घोषणा नही हुई है.
बाड़मेर और शिव विधानसभा की अनदेखी बनी चर्चा का विषय
प्रदेश सरकार ने इस बार के बजट में बाड़मेर जैसलमेर की कई विधानसभाओं को कई सौगातें दी है. जिसमे बायतु को रोडवेज बस स्टैंड, चौहटन को नगर पालिका, गुड़ामलानी को नगर पालिका, पचपदरा को पेट्रो केमिकल हब, जैसलमेर को सोलर प्लांट सहित सौगात मिली हैं. लेकिन बाड़मेर और शिव विधानसभा की अनदेखी चर्चा कारण बनी हुई है. आपको बता दें कि दोनों ही विधानसभाओं से भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े रविंद्र सिंह भाटी और प्रियंका चौधरी विधायक है. लोकसभा चुनाव से चुनाव से पहले भी रविंद्र सिंह भाटी की अनुशंसा पर महज 2 हेडपैंप और भाजपा के चुनाव हारे हुए प्रत्याशी को अनुशंसा पर 20 हेडपैम्प की स्वीकृति के चलते काफी बवाल हुआ था और इसी मुद्दे के चलते रविंद्र सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
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