Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बाद प्रदेश से होकर गुजर रहे नेशनल और स्टेट हाइवे किनारे चल रहे चल रहे शराब ठेके को अब हटाकर कम से कम 500 मीटर दूर लगाने होंगे. लेकिन कोर्ट के आदेश की धज्जियां चित्तौड़गढ़ में उड़ाया जा रहा है. चित्तौड़गढ़ जिले में करीब दो दर्जन शराब ठेके नेशनल और स्टेट हाइवे किनारे से 100 मीटर या इससे भी कम दायरे में संचालित हो रहे हैं. बता दें, हाई कोर्ट ने माना कि सरकार ने अपने विवेक का दुरुपयोग कर हाईवे को लिकर-फ्रेंडली कॉरिडोर बना दिया है. जो रियलिटी चेक में सच साबित होता दिख रहा है.
सरकार ने कोर्ट में दी थी राजस्व नुकसान की दलील
केवल शहरी सीमा में होने से हाईवे पर शराब बेचने की छूट नहीं मिल जाती. हाई कोर्ट ने साफ कहा कि प्रदेश में 1102 दुकानों का हाईवे पर संचालन जन सुरक्षा के लिए खतरा है और इन्हें हटाना या शिफ्ट करना ही होगा. सरकार ने दलील दी कि शहरी सीमा में आने वाली दुकानों से सालाना करीब 22 सौ करोड़ रुपए के राजस्व मिलता हैं. कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते.
चित्तौड़गढ़ में हाईवे पर 100 मीटर के दायरे में 14 शराब ठेके
राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान यह स्वीकार किया कि प्रदेश में कुल 7665 शराब की दुकानें हैं. जिनमें से 1102 नेशनल और स्टेट हाइवे किनारे पर हैं. जोधपुर हाईकोर्ट के जस्टिस ड़ॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने तलख टिप्पणी करते हुए कहा- सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का मजाक बना दिया हैं. संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आमजन की जान की सुरक्षा सर्वोपरि है. हाइवे किनारे पर लगे शराब के ठेके 500 मीटर दूर करने के लिए सरकार को दो माह का समय दिया हैं. इधर चित्तौड़गढ़ में नेशनल और स्टेट हाइवे किनारे 14 शराब के ठेके हैं जो 100 मीटर के दायरे से भी कम पर हैं.
हाईवे से दो फिट की दूरी पर शराब का ठेका
एनडीटीवी ने जब चित्तौड़गढ़ के समीप रिठोला चौराहा के समीप सिक्स लेन नेशनल हाइवे पर शराब की ठेके की रियलिटी चेक की तो दृश्य ही कुछ और नजर आया. 100 मीटर के नियम कायदे को ताख पर रख महज कुछ फीट की ही दूरी पर शराब का ठेका दिखा. इसको लेकर जिला आबकारी अब्दुल जावेद ने कहा कि यह फेराफेरी क्षेत्र में हैं और नियम के मुताबिक हैं. चित्तौड़गढ़ जिले में 14 शराब की दुकानें स्टेट और हाइवे किनारे होने की बात कही हैं. लेकिन सवाल उठता हैं कि हाइवे किनारे पर इतने करीब शराब का ठेका होने के बावजूद प्रशासन आंखें क्यों मूंद कर बैठ जाता हैं..? इस तरह के ठेके पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती हैं, क्यों लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं.
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