
Rajasthan Institute of Medical Sciences, Jaipur Bill: जयपुर में विधानसभा ने सोमवार को राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर विधेयक, 2025 (RIMS) को ध्वनिमत से पारित कर दिया. उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले डेढ़ साल में चिकित्सा क्षेत्र में कई नवाचार हुए हैं और रिम्स की स्थापना इसी कड़ी का अहम कदम है. उन्होंने कहा कि रिम्स प्रदेश को सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सेवाओं की नई पहचान दिलाएगा और यह चिकित्सा एवं शोध का उत्कृष्ट केंद्र बनेगा.
डॉ. बैरवा ने बताया कि बजट 2024-25 में आरयूएचएस का उन्नयन कर दिल्ली एम्स की तर्ज पर रिम्स की स्थापना का ऐलान किया गया था. इसके लिए चरणबद्ध रूप से 750 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान रखा गया है. रिम्स एक स्वायत्त संस्थान और विश्वविद्यालय के रूप में काम करेगा, जहां राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के तहत डिग्री, डिप्लोमा और अन्य शैक्षणिक मान्यताएं दी जा सकेंगी.
कार्डियोलॉजी से लेकर ट्रांसप्लांट तक की सुविधा
संस्थान में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, यूरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, एंडोक्राइनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस और ट्रांसप्लांट यूनिट जैसी सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं की स्थापना होगी. इसके साथ ही क्वाटरनरी स्तर की रेफरल अस्पताल सेवाएं, आयुष प्रणालियों (आयुर्वेद और योग) से जुड़ा विशेष शिक्षण, शोध और शिक्षकों का प्रशिक्षण भी होगा.
कौन होंगे RIMS के सदस्ट
विधानसभा में बताया गया कि रिम्स के अध्यक्ष राज्य के मुख्य सचिव होंगे और उनके साथ चिकित्सा शिक्षा, वित्त विभाग के शासन सचिव, आरयूएचएस के कुलगुरु, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा सहित राष्ट्रीय स्तर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों के निदेशक सदस्य होंगे. इसके अलावा एक शासी निकाय का भी गठन किया जाएगा जिसमें एम्स, आईआईटी जोधपुर, आईआईएम उदयपुर, टाटा मेमोरियल सेंटर और आईआईएचएमआर जैसे संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
हर साल 5 करोड़ का बजट
डॉ. बैरवा ने कहा कि आरयूएचएस के संबद्ध कॉलेजों को रिम्स से जोड़ा जाएगा. प्रारंभिक स्तर पर 100 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे और प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपये का बजट प्रावधान रखा गया है. वित्तीय पारदर्शिता के लिए एक विशेष कोष और वित्त समिति बनाई जाएगी.
उन्होंने स्पष्ट किया कि आरयूएचएस में कार्यरत कार्मिक यह तय कर सकेंगे कि वे राज्य सरकार की सेवा में रहेंगे या रिम्स का हिस्सा बनेंगे. इसके लिए चयन समिति का गठन होगा. रिम्स में विश्व स्तरीय अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना से राजस्थान मेडिकल टूरिज्म का केंद्र बनेगा और देश-विदेश में अपनी नई पहचान बनाएगा.
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